वरिष्ठ पत्रकार हीरा राजपूत को मातृ शोक,लंबी बीमारी के बाद सूना देवी का अस्पताल में हुआ निधन,शुक्रवार सुबह शारदा घाट बनबसा होगी अंत्येष्टि।

वरिष्ठ पत्रकार हीरा राजपूत को मातृ शोक,लंबी बीमारी के बाद सूना देवी का अस्पताल में हुआ निधन,शुक्रवार सुबह शारदा घाट बनबसा होगी अंत्येष्टि।

 

खटीमा। वरिष्ठ पत्रकार हीरा राजपूत की माता सूना देवी पत्नी सेवानिवृत्ति सैनिक बीरबालचंद वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी का लंबी बीमारी के बाद आज सुबह रुद्रपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया है।उनकी अंत्येष्टि शुक्रवार सुबह बनबसा स्थित शारदा घाट पर होनी सुनिश्चित है।

सूना देवी के निधन पर उनके चकरपुर स्थित आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों की भीड़ लगी है।वरिष्ठ पत्रकार राजपूत की माता के निधन पर आम लोगों के साथ ही सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।

स्वर्गीय सूना देवी अपने पीछे पति सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं। उनके चार पुत्र विजय चंद, हीरा राजपूत, मोहन चंद्र एवं विनोद चंद तथा पुत्र बधूओं दर्जन भर नाती पोते सम्मिलित हैं।

इधर वरिष्ठ पत्रकार हीरा राजपूत की माता जी के निधन पर पत्रकारों ने एक शोक सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शोकसभा में खड़क सिंह गैड़ा, विजय गुप्ता, ओमप्रकाश मौर्य, राजेश छाबड़ा, हरीश मेहरा, धीरेंद्र मोहन गौड़, दीपक फुलेरा, राजेंद्र सिंह मिताड़ी राजू, कीर्ति रुमाल,महेश चन्द पतरु”, प्रवीण कोहली, नवीन जोशी, हरीनारायण अग्रवाल, स्वतंत्र प्रकाश आजाद, जितेंद्र पारुथी, वैभव गुप्ता, अनीस अहमद, असद जावेद, सुरेंद्र गुप्ता, गोरखनाथ, केदार सोनकर, अशोक सरकार, इश्तियाक अंसारी, सूरज गोसाई,  मुस्तकीम मलिक, खुशाल गैड़ा, परमजीत सिंह पम्मा, शंकर पलियाल, गगन सिंह सुनील कुमार, उत्तम कुमार, विजय गुप्ता,अरविंद कुमार, सपन राय, सज्जाद हुसैन, हरेंद्र प्रसाद, अरविंद कुमार, सौरभ, सुन्दर बहादुर आदि सम्मिलित थे।

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बनबसा- मुख्यमंत्री धामी ने तनिष्क पाल के आकस्मिक निधन पर शोक संतप्त परिवारों से भेंट कर जताई संवेदना, बनबसा क्षेत्र में शोकाकुल परिवारों से की मुलाकात, दिवंगत आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना।

मुख्यमंत्री धामी ने खटीमा में की धान रोपाई, किसानों के श्रम को किया नमन,उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा “हुड़किया बौल” के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, पानी के देवता इंद्र, छाया के देव मेघ की वंदना की।