पारिवारिक जमीन के बंटवारे को लेकर तहसील परिसर पहुचे पूर्व बीएसएफ कर्मी ने खुद को लगाई आग, 60 फीसदी झुलसे जवान को हायर सेंटर की रेफर,घटना से तहसील में मचा हड़कंप।

पारिवारिक जमीन के बंटवारे को लेकर तहसील परिसर पहुचे पूर्व बीएसएफ कर्मी ने खुद को लगाई आग, 60 फीसदी झुलसे जवान को हायर सेंटर की रेफर,घटना से तहसील में मचा हड़कंप।

 

तहसील परिसर में पूर्व बीएसएफ कर्मी ने खुद को आग लगाई, खटीमा में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर, परिवारिक जमीन का बंटवारा चाहते हैं बुजुर्ग, पुलिस ने शुरू की मामले में जांच।घटना से तहसील में मचा हड़कंप।

खटीमा( उधम सिंह नगर )  खटीमा तहसील परिसर में मंगलवार शाम छह बजे पहुंचे एक 66 वर्षीय पूर्व बीएसएफ कर्मी ने ज्वलनशील पदार्थ उड़ेलकर आग लगा ली। अरायजनवीसों, कर्मचारियों ने कंबल, रेत, पानी डालकर आग बुझाई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने करीब 60 फीसदी झुलसे बुजुर्ग को उप जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नारायण सिंह मुंडेला (66) पुत्र स्वर्गीय विशन सिंह मुंडेला निवासी दियूरी दरियानाथ (मूल पिथौरागढ़ मुसैल देवलथल) सुबह करीब 11 बजे तहसील पहुंचे। वह अपने क्षेत्र के पटवारी से मिले और 46 बीघा पारिवारिक जमीन के बंटवारे की बात कही। पटवारी ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश कराने की बात कही। इसके बाद वह उस समय चले गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शाम करीब 6 बजे नारायण सिंह स्कूटी से आए। उन्होंने स्कूटी की डिग्गी खोली और ज्वलनशील पदार्थ की बोतल खुद पर उड़ेलकर आग लगा ली।

उन्हें जलता देख वहां मौजूद राशिद अंसारी ,अजीम अंसारी आरिफ अंसारी आरायजनवीस चैंबर में लगे पदों, टेबल में रखे मेजपोश लेकर आग बुझाने में जुट गए। लोगों ने पानी और रेत डालकर आग बुझाई। आननफानन में पुलिस और 108 को सूचित किया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचे एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि वह जिला मीटिंग में गए थे, शाम को लौटे हैं। घायल बयान देने की स्थिति में नहीं हैं। कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने बताया कि मामले की जांच जारी है।

स्वतंत्रता सेनानी के हैं बेटे

पूर्व बीएसएफ कमर्मी नारायण सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. बिशन सिंह मुंडेला के मझले बेटे हैं। नारायण सिंह के बड़े भाई सेना से रिटायर है और छोटा भाई गांव में ही खेती बाडी करता है। उनके छह बच्चे हैं। घटना के दिन उनकी पत्नी किसी परिवारिक समारोह में शामिल होने घर से बाहर थीं। घटना के बाद लोग अस्पताल पहुंचा।

नई तहसील में आत्मदाह का 14 साल पुराना इतिहास

खटीमा। खटीमा तहसील में आत्मदाह कर आग लगाने की यह पहली घटना नहीं है। खटीमा की नई तहसील बनने के बाद यह तीसरी घटना है। इससे पहले हुई दो घटनाओं में एक युवक को बचा लिया गया था वहीं एक युवक की जान चली गई थी। यह तीसरा मामला है जब बीएसएफ के सेवानिवृत्त कर्मी ने स्वयं को आग लगाने का प्रयास किया है।

जर्जर पुरानी तहसील के खस्ता हाल भवन को देखते हुए खटीमा में नई तहसील की आवश्यकता महसूस हुई। नई तहसील में 2011 में काम शुरू हो गया। जिससे जहां एक ही भवन के नीचे एसडीएम, तहसीलदार, आरके, नायव नाजिर, बेदखली, संग्रह अमीन, पूर्ति विभाग, ई गवर्नेस जैसे विभाग एक ही छत के नीचे आ गए। खटीमा की जनता को भीड़ भरे नगर में जाने से भी राहत मिली और जाम से मुक्ति मिली। यहां तक तो सब सही था, लेकिन 2011 से तीन ने लगाई आग, एक को बचाया गया, एक की हो गई थी मौत,

2025 के बीच इन 14 सालों में यह आत्मदाह के प्रयास की यह तीसरी घटना देखने में आई है जो बेहद दुखद है। बात करें अगर पहली घटना की तो उसमें एक युवकसचिन रस्तोगी ने खुदको तहसील परिसर में आग लगा ली थी। जिसमें सचिन की मौत हो गई। दूसरी घटना में एक खिलाड़ी ने अपने पड़ोसियों से परेशान होकर स्वयं पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की। जिसे समय रहते पत्रकार और पीआरडी जवानों ने नाकाम कर दिया। यह तीसरी घटना है जब नारायण सिंह ने इस नई तहसील में आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की है।बुजुर्ग बीएसएफ कर्मी की हालत गंभीर बनी है।

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