उधम सिंह नगर – राजकीय प्राथमिक विद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रही शिक्षिका हुई बर्खास्त: 15 साल से फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी , जांच में शैक्षिक प्रमाणपत्र कूटरचित पाए गए दस्तावेज, जनपद में अब तक सात शिक्षकों पर गिर चुकी है बर्खास्तगी की गाज।

उधम सिंह नगर – राजकीय प्राथमिक विद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रही शिक्षिका हुई बर्खास्त: 15 साल से फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी , जांच में शैक्षिक प्रमाणपत्र कूटरचित पाए गए दस्तावेज, जनपद में अब तक सात शिक्षकों पर गिर चुकी है बर्खास्तगी की गाज।

 

हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद के प्रथमा, मध्यमा और उत्तमा के शैक्षिक प्रमाणपत्र के आधार पर 15 साल से नौकरी कर रही राजकीय प्राथमिक विद्यालय चनकपुर बाजपुर की सहायक शिक्षिका गिंदर पाल को डीईओ ने बर्खास्त कर दिया है।

रुद्रपुर ( उधम सिंह नगर) रुद्रपुर में हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद के प्रथमा, मध्यमा और उत्तमा के शैक्षिक प्रमाणपत्र के आधार पर 15 साल से नौकरी कर रही राजकीय प्राथमिक विद्यालय चनकपुर बाजपुर की सहायक शिक्षिका गिंदर पाल को डीईओ ने बर्खास्त कर दिया है। विभागीय जांच में शैक्षिक प्रमाणपत्र कूटरचित पाए गए थे।आरोपी गिंदर पाल शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका के पद पर सेवायोजित हुई थीं। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर के सचिव और उप शिक्षा अधिकारी बाजपुर के पत्र के आधार पर इलाहाबाद से जारी प्रथमा, मध्यमा की कोई भी उच्चतर परीक्षा हाईस्कूल/इंटरमीडिएट के समकक्ष न होने के कारण 2022 में निलंबित कर दिया गया था।

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इसमें उत्तराखंड उच्च न्यायालय की रिट याचिका के आधार पर निलंबन के आदेश को निरस्त कर सेवा में पुनः बहाल किया गया था। इसी प्रकार दो बार विभागीय निलंबन को न्यायालय ने निरस्त कर बहाल किया। इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी रुद्रपुर की जांच में अंकपत्र/प्रमाणपत्र कूटरचित रूप से तैयार किया पाया गया। इसकी रिपोर्ट हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद (प्रयागराज) को भेजी गई। इसमें प्रमाणपत्र कूटरचित पाए गए। इसके आधार पर उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियमावली के तहत सहायक शिक्षिका गिंदर पाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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दो बार हुआ निलंबन, फिर कोर्ट के आदेश पर हुई बहाली
गिंदर पाल के मामले में विभाग ने 2022 में निलंबित किया था। इसके बाद सहायक अध्यापिका ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी। इसमें कोर्ट के आदेश पर बहाल किया गया। इसके बाद फिर प्रमाणपत्रों की जांच कराई गई। 2023 में फिर निलंबन की कार्रवाई हुई। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर दूसरी बार बहाली हुई थी। तीसरी बार जाकर विभाग ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।

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अब तक सात शिक्षकों पर गिर चुकी है बर्खास्तगी की गाज
वर्ष 2025 में शिक्षा विभाग की ओर से यह चौथी सेवा समाप्ति की कार्रवाई है। बीते वर्ष फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हथियाने वाले तीन अध्यापकों को बर्खास्त किया जा चुका है। इसमें गदरपुर विकास खंड के हेमराज सिंह और बलबीर सिंह और जसपुर के हरगोविंद सिंह पर कार्रवाई की गई थी। जनवरी 2025 में सितारगंज के रामशब्द को बर्खास्त किया गया है। इसके अलावा सितारगंज के अतर सिंह और कृष्णपाल सिंह को बर्खास्त किया गया था। अब जसपुर की सहायक शिक्षिका पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई है।

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फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले किसी शिक्षक को बख्शा नहीं जाएगा। इस वर्ष अभी तक चार के विरुद्ध कार्रवाई की गई है, कई अन्य की जांच चल रही है। -हरेंद्र कुमार मिश्र, डीईओ।

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