प्रेम प्रसंग में बाधक बने पति की हत्या मामले मे पत्नी को हुआ आजीवन कारावास की सजा, न्यायालय ने दोषसिद्ध महिला पर 70,000 रुपये का भी लगाया अर्थदंड।
पिथौरागढ़ ( उत्तराखंड) जिला सत्र न्यायाधीश पिथौरागढ़ की कोर्ट में पति की हत्या के मामले में पत्नी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाया है।साथ ही न्यायालय ने दोषसिद्ध महिला पर 70,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
जिला सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने दोषसिद्ध करते हुए सुनीता देवी को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।दोषसिद्ध की ओर से यदि अर्थदंड की धनराशि जमा की जाती है तो 50,000 रुपये प्रतिकर के रूप में मृतक की पुत्री को दी जाएगी।
यह ख़बर भी पढ़िये। 👉👇🙏💐
प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 फरवरी 2022 को पिथौरागढ़ तहसील क्षेत्र के दिगांस गांव निवासी सुनीता देवी ने अपने पति जितेंद्र राम के साथ मारपीट करने के बाद नाजुक अंग को काटकर हत्या कर दी थी.मृतक के भाई पूरन राम की तहरीर पर राजस्व पुलिस में सुनीता देवी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया।
यह ख़बर भी पढ़िये। 👉👇🙏💐
मामले की विवेचना में पता चला कि सुनीता का किसी युवक से दोस्ती थी जिसको लेकर पति नाराज था।इसका विरोध करने पर उसने पति की हत्या कर दी थी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह परीक्षित कराए गए।
यह ख़बर भी पढ़िये। 👉👇🙏💐
दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने दोषसिद्ध करते हुए सुनीता देवी को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 50,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर दोषसिद्ध को पांच वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।धारा 201 के अपराध के लिए सात वर्ष के कारावास और 20,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
यह ख़बर भी पढ़िये। 👉👇🙏💐
अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। दोषसिद्ध की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। दोषसिद्ध की ओर से यदि अर्थदंड की धनराशि जमा की जाती है तो 50,000 रुपये प्रतिकर के रूप में मृतक की पुत्री को दी जाएगी।
यह ख़बर भी पढ़िये। 👉👇🙏💐
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa