उत्तराखंड में मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही हैं फार्मा कंपनियां, देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर में फार्मा कंपनियों की भरमार ,6 महीने में 55 दवाओं के सैंपल हुए फेल।
उत्तराखंड में बनी 55 दवाओं के सैंपल हुए फेल, CDSO ने जारी किया ड्रग का अलर्ट
उत्तराखंड में निर्मित पांच दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। इनकी गुणवत्ता मानकानुसार नहीं पाई गई। जिस पर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएसओ) ने इसे लेकर ड्रग अलर्ट जारी किया है। इनमें हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले की निर्माण इकाइयों में निर्मित दवाएं शामिल हैं।
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उत्तराखंड में निर्मित पांच दवाओं के सैंपल जांच में असफल हो गए हैं। इनकी गुणवत्ता मानकानुसार नहीं पाई गई है। इस पर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएसओ) ने ड्रग अलर्ट जारी किया है। इनमें हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले की निर्माण इकाइयां शामिल हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में पिछले 6 महीनों में 55 दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं।दवाइयों के फेल हो रहे सैंपल पर उत्तराखंड सरकार की भी नजर है।
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देहरादून ( उत्तराखंड) प्रदेश में मौजूद फार्मा कंपनियों के दवाओं के फेल होने का सिलसिला जारी है। बावजूद इसके अभी तक किसी भी फार्मा कंपनी पर सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन पिछले कुछ महीने से लगातार देश भर में बन रही तमाम फार्मा कंपनियों के दवाओं का सैंपल लेकर जांच कर रहा है। हर महीने उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों में बनी दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।इसी क्रम में उत्तराखंड में बनी 55 दवाओं के सैंपल पिछले 6 महीने में फेल हो चुके हैं। इसके बाद भी राज्य सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
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पिछले दो साल तक केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन दवाओं की खराब गुणवत्ता की शिकायतें मिलने पर कार्रवाई करता था। साथ ही कभी-कभी खुद भी तमाम फार्मा कंपनियों के दवाओं का सैंपल लेकर जांच करता था। दिसंबर 2022 में जांबिया और उज़्बेकिस्तान देशों में भारत में निर्मित खांसी की दवा पीने से कुछ बच्चों की मौत हो गई थी। जिसके चलते भारत में निर्मित कुछ दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे। जिसके बाद से ही देश में निर्मित दवाओं पर केंद्र सरकार ने निगरानी बढ़ा दी. इसी क्रम में केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन हर महीने देश में निर्मित तमाम दवाओं के सैंपल लेकर जांच करता है। जिसके बाद रिपोर्ट जारी की जाती है।
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उत्तराखंड की बात करें तो प्रदेश के देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और पंतनगर में फार्मा कंपनियों की भरमार है। प्रदेश में 283 फार्मा कंपनियां हैं जो मेडिसिन बनाती हैं। साथ ही 120 कंपनिया कॉस्मेटिक बनाती हैं। मेडिसिन की 283 फार्मा कंपनियों में से 132 फार्मा कंपनियां डब्ल्यूएचओ से सर्टिफाइड हैं। फार्मा कंपनियों का हब कहे जाने वाले उत्तराखंड में स्थित कुछ फार्मा कंपनियां दवाइयों के नाम पर क्या बना रही हैं उन्हें खुद भी नहीं पता. ये हम नहीं बल्कि केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन कहा रहा है।उसकी ओर से हर महीने जारी हो रही रिपोर्ट इस बात की तस्दीक कर रही है।
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जनवरी 2024 में उत्तराखंड में बनी 9 दवाओं के सैंपल फेल: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने जनवरी 2024 में देश भर में बनी 932 दवाओं के सैंपल्स टेस्ट किये. जिसमें से 886 दवाओं के सैंपल पास हुए, जबकि 46 दवाओं के सैंपल फेल हुये. इनमें से उत्तराखंड में बनी 9 दवाओं के सैंपल फेल हुए. हरिद्वार स्थित ड्रग्स कंपनी की chlorhexidine gluconate solution का सैंपल फेल हुआ। हरिद्वार जिले में स्थित एक और दवा कंपनी की टैबलेट का सैंपल फेल हुआ। हरिद्वार स्थित कंपनी की विटामिन A ओरल सॉल्यूशन का सैंपल फेल हुआ। हरिद्वार स्थित एक हेल्थकेयर कंपनी की ट्रिप्सिन ब्रोमेलेन एंड रूटोसाइड ट्रीहाइड्रेट टैबलेट का सैंपल फेल हुआ। रुद्रपुर स्थित एक हेल्थकेयर कंपनी की फंगल डायस्टेस एंड पेप्सिन सिरप का सैंपल फेल हुआ।हरिद्वार स्थित कंपनी की ceftriaxone injection का सैंपल फेल हुआ। देहरादून स्थित कंपनी की poliglecaprone 25 का सैंपल फेल हुआ। रुड़की स्थित कंपनी की ग्लिमीकेयर-M3 फोर्ट टैबलेट का सैंपल फेल हुआ। रुड़की स्थित प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की glimepiride टेबलेट्स का सैंपल फेल हुआ।
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फरवरी में भी 9 दवाओं के सैंपल फेल: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने फरवरी 2024 में देश भर में बनी 1167 दवाओं के सैंपल्स का टेस्ट किया. जिसमें 1018 दवाओं के सैंपल पास हुए, जबकि 58 दवाओं के सैंपल फेल हुये. इनमें से उत्तराखंड में बनी 9 दवाओं के सैंपल फेल हुए. इसमें रुड़की स्थित हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की कैल्शियम कार्बोनेट एंड विटामिन डी- 3 टैबलेट का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित फार्मा कंपनी की मेटफार्मिन एचसीआई (एसआर) विथ glimepiride & voglibose टेबलेट्स का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित एक बायोटेक कंपनी की clarithromycin, 250 एमजी टेबलेट्स का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित कंपनी की रेबेप्रजोल सोडियम एंड डॉम्परीडोन टेबलेट्स का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित दवा कंपनी की मेटफार्मिन एचसीआई (एसआर) विथ glimepiride & meftormin hydrochloride टेबलेट्स का सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित कंपनी की oseltamivir oral suspension का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित कंपनी की पंटोप्रजोल गेस्ट्रो रेसिस्टेंट टेबलेट्स का सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित कंपनी की atorvastatin and clopidogrel capsules का सैंपल फेल हुआ. काशीपुर स्थित कंपनी की cefuroxime axetil टेबलेट्स का सैंपल फेल हुआ।
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मार्च में 12 दवाओं के सैंपल फेल: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने मार्च 2024 में देश भर में बनी 931 दवाओं के सैंपल्स टेस्ट किये. जिसमें 864 दवाओं के सैंपल पास हुए, जबकि 66 दवाओं के सैंपल फेल हुये. इनमें से उत्तराखंड में बनी 12 दवाओं के सैंपल फेल हुए. देहरादून स्थित फार्मा कंपनी की डाइक्लोमाइन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन का सैंपल फेल हुआ. देहरादून स्थित एक अन्य कंपनी की मिथाइलकोबालामिन इंजेक्शन का सैंपल फेल हुए. देहरादून स्थित एक लेबोरेटरीज की को-ट्रिमोक्साजोल ओरल सस्पेंशन का सैंपल फेल हुए. देहरादून स्थित फार्मा कंपनी में निर्मित ओमेप्राजोल मैग्नीशियम एंड डोम्पेरिडोन टैबलेट का सैंपल फेल हुए. देहरादून स्थित फार्मा कंपनी की methylcobalamin इंजेक्शन का सैंपल फेल हुआ. देहरादून स्थित एक अन्य कंपनी की gentamicin इंजेक्शन का सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित एक लैब और फार्मा कंपनी की एसीक्लोफेनाक पैरासिटामोल एंड सेराटियोपेप्टिडेज टैबलेट का सैंपल फेल हुए. हरिद्वार स्थित एक हेल्थकेयर कंपनी की zembron-LS सिरप का सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित फार्मा कंपनी की लैक्टिक एसिड बेसिलस टैबलेट का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित एक फार्मास्यूटिकल कंपनी की मेटोप्रोलोल टैबलेट का सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित दवा कंपनी की ओफ्लाक्सासिन एंड ओर्नीडाजोल टैबलेट का सैंपल फेल. रुड़की स्थित एक बायोटेक कंपनी की लैक्टोजर्म कैप्सूल का सैंपल फेल हुआ।
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अप्रैल में 12 दवाओं के सैंपल फेल: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन के परीक्षण में अप्रैल 2024 में देश भर में बनी 50 दवाओं के सैंपल फेल हुए. इनमें से उत्तराखंड में बनी 12 दवाओं के सैंपल शामिल थे. हरिद्वार की दवा कंपनी की किल्नीडीपीन टैबलेट फेल हुई. हरिद्वार की ही कंपनी की गैबापेंटिन टैबलेट फेल हुई. सेलाकुई, देहरादून की एक कंपनी की एट्रोपीन सल्फेट इंजेक्शन फेल हुई. सेलाकुई, देहरादून की एक और कंपनी का मेटोक्लोप्रमाइड इंजेक्शन फेल हुआ. सेलाकुई, देहरादून की कंपनी का yamox-CL टैबलेट सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार की दवा कंपनी का ट्रैनेक्सामिक एसिड इंजेक्शन सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार के एक फार्मस्यूटिकल का साइक्लोस्पोरिन कैप्सूल सैंपल फेल हुआ. पंतनगर, ऊधमसिंह नगर की एक लेबोटरी का रेबेप्राजोल सोडियम टैबलेट सैंपल फेल हुआ. रुड़की की कंपनी का बिमाटोप्रोस्ट आई ड्राप फेल हुआ. एक मेडिटेक कंपनी जो सेलाकुई, देहरादून में है उसका सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन फेल हुआ. एक हेल्थकेयर कंपनी जो हरिद्वार में है का एम्ब्रोक्सोल हाइड्रोक्लोराइड टरबुटलाइन सल्फेट गुआइफेनसिन मेन्थोल सिरप फेल हुआ. रुड़की की एक कंपनी का क्विनिन सल्फेट टैबलेट फेल हुआ।
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मई में उत्तराखंड की 8 दवाओं के सैंपल फेल: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन द्वारा चेक किए गए मई 2024 में देश भर में बनी 52 दवाओं के सैंपल फेल हुए. इनमें से उत्तराखंड राज्य में बनी 8 दवाओं के सैंपल फेल हुए. हरिद्वार स्थित एक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड की acetylsalicylic acid टेबलेट्स फेल हुई. रुड़की स्थित फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की लक्जुलोज सॉल्यूशन सैंपल फेल हुई. रुड़की स्थित कंपनी की ओफ्लाक्सासिन ओरेंटाजोले टेबलेट सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित कंपनी की एमाक्सीसिलिन एंड पोटैशियम क्लेवुलेनेट टैबलेट्स सैंपल फेल. हरिद्वार स्थित फार्मा कंपनी की मेट्रोनिडाजोल एक्सटेंडेड रिलीज टेबलेट्स सैंपल फेल हुआ. देहरादून स्थित कंपनी का एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित हेल्थकेयर कंपनी का फ्लूकोनाजोले टैबलेट सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित लैबोरेटरीज का कैल्शियम-विटामिन डी टैबलेट का सैंपल फेल हुआ।
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जून में उत्तराखंड की 5 दवाओं के सैंपल फेल: केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन द्वारा जांचे गए जून 2024 में देश भर में बनी 52 दवाओं के सैंपल फेल हुए. इनमें से उत्तराखंड में बनी 5 दवाओं के सैंपल फेल हुए. एक कंपनी की इसोमेप्राजोल गैस्ट्रो- रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित कंपनी में निर्मित ranitidine hydrochloride टेबलेट्स 150 mg का सैंपल फेल हुआ. हरिद्वार स्थित फार्मा की निर्मित ट्रेनेक्सामिक एसिड टेबलेट्स 500 एमजी का सैंपल फेल हुआ. काशीपुर स्थित कंपनी की निर्मित पैंटोप्रजोल गैस्ट्रो- रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुआ. रुड़की स्थित एक फॉर्मुलेशंस कंपनी का निर्मित etoricoxib टेबलेट्स 90 एमजी का सैंपल फेल हुआ।
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इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उनकी तरफ से पहल की गई है. जिसके तहत सभी ड्रग्स के सैंपल लिये जा रहे हैं. जिन भी फार्मा कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं, स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने पर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन और उत्तराखंड ड्रग्स कंट्रोलर की टीम की ओर से छापेमारी की कार्रवाई के साथ ही सैंपल जांच किये जा रहे हैं. देहरादून, उधमसिंह नगर, हरिद्वार और कोटद्वार में मौजूद फार्मा कंपनियों पर कार्रवाई की गई है. भविष्य में भी छापेमारी की कार्रवाई जारी रहेगी. कार्रवाई का एक विधिवत प्रोसेस होता है. जिसके तहत फार्मा कंपनियों को नोटिस दिया जाता है. ऐसे में अगर किसी भी फार्मा कंपनियों को कई बार नोटिस या वार्निंग देने के बावजूद भी सुधार नहीं करता है तो संबंधित निर्माण यूनिट बंद भी की जा सकती है।
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बता दें कि 6 माह में उत्तराखंड में निर्मित 55 दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं। दरअसल, बीते वर्षों में भारत में निर्मित कुछ दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे। खासकर जांबिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत को भारत में बनी खांसी की दवा से जोड़ा गया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने दवाओं की निगरानी बढ़ा दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हर माह दवाओं की जांच करा रहा है। इसी क्रम में केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन ने जून माह की जांच रिपोर्ट जारी की है। जिसमें देशभर में निर्मित 55 दवाओं की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं मिली। इनमें उत्तराखंड में निर्मित पांच दवाएं भी शामिल हैं।
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खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया कि सीडीएसओ की रिपोर्ट पर कार्रवाई की गई है। संबंधित कंपनियों के उत्पाद लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। जिन दवाओं के सैंपल फेल आए हैं उन्हें बाजार से वापस मंगवा लिया गया है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa