N I A की टीम पहुची कोतवाली खटीमा,म्यांमार में बंधकों के परिजनों से की जा रही है पूछताछ,मुख्यमंत्री धामी द्वारा विदेश मंत्री से फोन पर वार्ता कर सुरक्षित वापसी का किया था अनुरोध।
एनआईए की टीम लखनऊ से पहुची कोतवाली खटीमा।बंधकों के परिजनों को कोतवाली खटीमा में बुलाकर संबंध में पूछताछ की गयी।
खटीमा ( उधम सिंह नगर ) म्यांमार में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों को सुरक्षित वापसी को लेकर भारत सरकार ने द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है।एनआईए की टीम लखनऊ से खटीमा कोतवाली पहुची। टीम ने सीमांत खटीमा क्षेत्र के तीन युवकों के बारे में कोतवाली से जानकारी ली। इसके बाद बंधकों के परिजनों को कोतवाली खटीमा में बुलाकर संबंध में पूछताछ की गयी।
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बताते चलें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर से म्यांमार में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षित वापसी का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को फोन पर विदेश मंत्री से वार्ता की तथा उन्हे स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि म्यांमार के कॉल सेंटरों द्वारा उत्तराखंड के 15 से अधिक पुरुषों और नौ महिलाओं को अगवा कर उन्हें म्यांमार में कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सीएम ने उत्तराखंड के नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विदेश मंत्री से सहायता की अपेक्षा की थी।
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गौरतलब है कि सीमांत क्षेत्र खटीमा विकास खंड के कुटरा निवासी रोहित बोरा व गौरव बिष्ट, दीपक बोरा, ललित सोन, कमलेश सोन,विकास सोन रोजगार के सिलसिले में विदेश जाना चाहते थे। उनके परिचित बैंकाक में कार्यरत खटीमा निवासी एक युवक ने टूरिस्ट वीजा बनाने की बात कही। कहा कि बैंकाक में 70 हजार रुपये महीने की नौकरी लगवा देगा। इस पर उन्होंने कागजी कार्रवाई पूरी कर 28 अप्रैल को दिल्ली और वहां से 25 मई को बैंकाक चले गए।
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म्यांमार में बंधक के परिजन राहुल ने बताया कि 30 मई को भाई रोहित ने बताया कि बैंकाक की जगह म्यांमार में पहुंचने पर सभी 6 युवकों को अनजान स्थान पर ले गए। वहां से पानी के जहाज से जबरदस्ती म्यांमार पहुंचा दिया। रोहित के मुताबिक उन्हें बंधक बनाकर 17 घंटे अवैध रूप से काम कराया जा रहा है। विरोध करने पर पीटा जाता है। उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं। वहां पर कई और भारतीय भी हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa