हाथरस हादसा- यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या 122 हुई,150 से अधिक लोग घायल शवों को देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही की हार्ट अटैक हुई मौत।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले (Hathras accident) के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को साकार हरि बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। 150 से अधिक लोग घायल हैं।
बता दें कि फुलरई गांव में आयोजित सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि मरने वालों की एटा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
इस हादसे पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले से संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए युद्ध स्तर पर काम करने का कड़ा निर्देश जारी किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं।
प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटनास्थल पर पहुंचने के लिए कहा गया है। यूपी के हाथरस में सत्संग में भगदड़ मचने से मारे गए लोगों पर सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा कि जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं।
हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे में मारे गए लोगों पर देश के कई बड़े नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका वाड्रा, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अन्य नेता शामिल है। एक तरफ जहां सीएम योगी ने अपने बड़े अधिकारियों ने स्थिति पर काबू पाने के लिए घटनास्थल पर जाने का निर्देश दिया है। वहीं राज्य के बड़े नेता लोग भी पहुंच रहे हैं।
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
हाथरस हादसाः शवों को देखकर आया हार्ट अटैक, ड्यूटी पर तैनात सिपाही की मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. हादसे की घटना में क्विक रिस्पांस टीम की ड्यूटी में तैनात सिपाही रवि यादव की हार्ट अटैक से मौत हो गई. रवि यादव की ड्यूटी मृतकों के शव की व्यवस्था करने में लगी थी।
उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. हादसे में क्विक रिस्पांस टीम (QRT) की ड्यूटी में तैनात सिपाही रवि यादव की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मिली जानकारी के अनुसार, रवि यादव की ड्यूटी मृतकों के शव की व्यवस्था करने में लगी थी. एकसाथ ज्यादा शव देखने के बाद रवि यादव को हार्ट अटैक आ गया और उनकी मृत्यु हो गई।
हेल्पलाइन नंबर जारी
हाथरस के जिला प्रशासन ने आम लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं.
बुधवार को हाथरस जाएंगे सीएम योगी सीएम योगी घटनास्थल का निरीक्षण करने के लिए बुधवार को हाथरस जाएंगे, जहां सीएम पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे. सीएम के साथ प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद भी वहां मौजूद रहेंगे.
CM ने दिया घटना की जांच के निर्देश इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ऑफिस ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.
सत्संग स्थल पर व्यस्थाएं इतनी लचर थीं कि भगदड़ के बाद शवों को अस्पताल पहुंचाने मशक्कत करनी पड़ी, कोई बाइक पर तो काइ ऑटो में शव रखकर अस्पताल पहुंचा. घटनास्थल की विचलित कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. सत्संग स्थल पर हजारों लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है. लोग बसों में भरकर भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने आए थे.
सत्संग पर आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने आजतक से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम कराया था. कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन मौजूद थे. जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई. ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है. कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था. मैं भंडारे का काम देख रहा था. उन्होंने बताया कि हाथरस में ये कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ है. हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी. 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद घटना हुई है.
प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में आने की जानकारी दी गई थी. जहां इंतजाम किए गए थे, वहां बहुत भीड़ थी. कार्यक्रम में 12 से साढ़े 12 हजार सेवादार थे. हमने इतने स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे. एंबुलेंस नहीं थी. कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने लगे और भगदड़ मची. बरसात के मौसम में कीचट की वजह से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa