शिवालिक बाल विज्ञान फाउंडेशन बना आकर्षण का केंद्र, किताब कौथिक कार्यक्रम में दिखा विज्ञान का जादू, 5000 से अधिक छात्रों को जोड़ा विज्ञान से ।

शिवालिक बाल विज्ञान फाउंडेशन बना आकर्षण का केंद्र, किताब कौथिक कार्यक्रम में दिखा विज्ञान का जादू, 5000 से अधिक छात्रों को जोड़ा विज्ञान से ।

रानीखेत ( अल्मोड़ा) रानीखेत में  विज्ञान की अद्वितीय दुनिया में बच्चों को लीड करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में शिवालिक बाल विज्ञान फाउंडेशन ने हाल ही में रानीखेत में आयोजित दो दिवसीय ‘किताब कौथिक’ कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम 11 और 12 मई को आयोजित किया गया था।

शिवालिक बाल विज्ञान फाउंडेशन ने इस कार्यक्रम विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों से लोगो को जोड़ा। टीम ने अनेक विज्ञान प्रयोगों को संचालित किया, जिसमें बच्चे उत्साह से भाग लिए। इसके अलावा, विज्ञान से जुड़े खेलों का भी आयोजन किया गया, जो कि छात्रों को सीखने के लिए मजेदार माध्यम प्रदान करते हैं।

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कार्यक्रम में शिवालिक बाल विज्ञान फाउंडेशन द्वारा लगभग 5000 से अधिक छात्रों को विज्ञान से जोड़ा गया। इसका मुख्य उद्देश्य था बच्चों को विज्ञान में रुचि पैदा करना और उन्हें नई-नई वैज्ञानिक दुनिया का परिचय देना।

संस्था अध्यक्ष सुमित पाण्डेय ने बताया की संस्था का का उद्देश्य है बच्चों की विज्ञान में रुचि बढ़ाना और उन्हें नई वैज्ञानिक गतिविधियों से परिचित कराना।

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साथ ही संस्था के उपसचिव सुमित पाण्डेय ने कहा की बच्चे बहुत अधिक उत्सुक्ता के साथ विज्ञान के प्रयोगों को जानने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने इसका बहुत ही उत्साहपूर्वक स्वागत किया और विज्ञान से जुड़ी गतिविधियों में भाग लिया।

इस कार्यशाला में संस्था अध्यक्ष सुमित पाण्डेय, उप सचिव सुमित पाण्डेय, प्रशासनिक अधिकारी हिमांशु तिवारी, गौरव पाण्डेय द्वारा वैज्ञानिक प्रयोग प्रस्तुत किए गए तथा धीरज गरकोटी एवं आशीष गौतम द्वारा छात्रों को खेल-खेल में गणित सिखाई गई।

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इस कार्यक्रम के सफल समापन के बाद, शिवालिक बाल विज्ञान फाउंडेशन ने भविष्य में भी ऐसे ही लगातार लोगो को विज्ञान से जोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने छात्रों को विज्ञान के माध्यम से ज्ञान और समझ का बोध कराने का संकल्प भी लिया है।

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कार्यक्रम के आयोजक दयाल पाण्डेय एवं हेम पंत  ने बताया कि यह कार्यक्रम बच्चों के लिए एक अद्वितीय अनुभव साबित हुआ और उनकी विज्ञान के प्रति एक बेहतर समझ विकसित करने का काम करेगा। विज्ञान कार्यशाला का यह कार्यक्रम संस्था के सलाहकार निर्मल कुमार न्योलिया एवं सत्यम चौरसिया के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

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रानीखेत किताब कौतिक के समापन पर सोमवार को कवि सम्मेलन के साथ हुआ। रचनाकारों ने रचनाओं से समां बांध दिया। इससे पूर्व गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ बिशन दत्त जोशी ने वागीश्वरी की वंदना ईजू आज सरस्वति का खुटमा से की।

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दिनेश तिवारी ने पहाड़ के हालात पर कहा कि पहाड़ कहां हो रहा है शिफ्ट। प्रीति पंत ने कहा कि ईजा जो बच्चों की चिंता करने वाली..। ज्योति साह ने नारी को प्रकृति की अनुपम देन बताते हुए कहा प्रकृति ने जीवन को सार्थक करने के लिए दो धूरी बनाई, एक पुरुष दूसरी ममतामयी नारी कहलाई..। मिथिलेश मिश्रा ने अब इंसान बिक रहा सुनाया।

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देवकी नंदन कबडवाल ने दि जगा थान में, छिट्टा भैट ध्यान में.. सुनाई। त्रिभुवन गिरी महाराज ने कहा कि शिखर – शिखर है दबे बर्फ़ से, ठिठुर रहे हैं जंगल सारे। संचालन कर रहे साहित्यकर्मी विमल सती, रवि नागर, पुष्पलता जोशी, भावना जोशी, डा. प्रवीण, प्रेरणा मेहरा, अंकिता पंत बिष्ट, इमराना परवीन, कैलाश चंद्र, डॉ विनीता खाती आदि ने भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, नरेश डोबरियाल, डॉ बीएस कालाकोटी, दया ऐठानी, दिया आर्या, डॉ रिजवाना सिद्दीकी ने भी कविता पाठ किया।

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uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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