नानकमत्ता हत्याकांड- यूपी और पंजाब से जुड़ें है बाबा तरसेम के हत्यारों के तार,हत्याकांड को सुनियोजित तरीके से अंजाम दे पुलिस को खुली चुनौती दे गए सशस्त्र बदमाश।
नानकमत्ता,(उधम सिंह नगर) बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के तार यूपी और पंजाब से जुड़ रहे हैं। गुरुद्वारे की सराय में हत्यारोपियों के बुक कराए गए 23 नंबर कमरे में जिस आईडी का इस्तेमाल किया गया, वह आईडी तरनतारन पंजाब की है। कमरे से एक जोड़ी जूता भी बरामद हुआ है। हत्याकांड के खुलासे के लिए एसआईटी, एसटीएफ के साथ-साथ आठ टीमें पुलिस की जांच में लगाई गई हैं। इसमें से एसआईटी और पुलिस की एक टीम उत्तराखंड बॉर्डर से सटे जिले में संदिग्ध की तलाश में गई है।
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एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में हत्याकांड को अंजाम देने वाले लोग और सराय में रुके लोग एक ही हैं। सराय में मिली आईडी के आधार पर टीम पंजाब में दबिश देने गई है। वहीं एक टीम यूपी में दबिश दे रही है। एसएसपी ने बताया सेवादार जसवीर सिंह निवासी चारूबेटा मुंडेली खटीमा की तहरीर पर सरबजीत सिंह निवासी तरनतारन पंजाब, बिट्टू निवासी बिलासपुर व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दोनों आरोपियों पर धारा 302, 25 आर्म्स एक्ट सहित अन्य पर धारा 120 बी में मुकदमा दर्ज किया है।
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हत्याकांड को सुनियोजित तरीके से दिया गया अंजाम।पुलिस को खुली चुनौती दे गए सशस्त्र बदमाश
नानकमत्ता उधम सिंह नगर । बाबा तरसेम सिंह की हत्या को सुनियोजित तरीके से बदमाशों ने अंजाम दिया। हत्या से पहले उनके हर मूवमेंट पर नजर रखी गई। किस समय वह अकेले होते हैं और कितनी देर किस जगह बैठते हैं। आशंका तो यह भी जताई जा रही है कि दोनों बदमाशों को किसी ने बाबा के अकेले होने की सूचना भी दी। तभी दोनों बदमाशों ने जूते पहनने में समय जाया करने के बजाय चप्पल पहनकर ही वारदात को अंजाम दिया।
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दोनों बदमाशों ने 19 मार्च को नानकमत्ता गुरुद्वारे की सराय का कमरा नंबर 23 बुक कराया था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बदमाश पिछले 10 दिनों से यहीं रहकर बाबा की रेकी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि दोनों चंपावत स्थित रीठा साहिब जाने की बात कहकर कमरे में ठहरे हुए थे। अमूमन सराय में श्रद्धालु या आम जन कुछ ही दिन के लिए कमरा बुक कराते हैं।
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ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर दोनों हमलावरों को 10 दिन के लिए कमरा कैसे मिल गया। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों डेरे के दूसरे गेट से भागे। इससे साफ जाहिर होता है कि दोनों अपराधी वहां की भौगोलिक स्थिति से भलीभांति वाकिफ थे। जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न एंगल से हत्याकांड की जांच की जा रही है। हत्या की वजह का पता लगाया जा रहा है। शीघ्र ही हत्याकांड का खुलासा कर दिया जाएगा।
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चार भाइयों में सबसे बड़े थे बाबा तरसेम सिंह
नानकमत्ता, संवाददाता। नानकमत्ता धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह के रिश्ते के भाई सतनाम सिंह ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह चार भाइयों में सबसे बड़े थे। उनका परिवार जसारी खटीमा में रहता था, जो अब पंजाब में है। बाबा तरसेम सिंह का जन्म वर्ष 1967 में हुआ था।बाबा की शिक्षा नानकमत्ता के इंटर कॉलेज से हुई। पढ़ाई के बाद बाबा तरसेम सिंह धार्मिक डेरा कार सेवा में सेवा करने लगे थे।
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इनका विवाह तय हो गया था, लेकिन बाबा ने विवाह करने की जगह कार सेवा को प्राथमिकता दी और आजीवन अविवाहित रहे। शुरुआत में बाबा तरसेम सिंह धार्मिक डेरा कार सेवा के ये लोग प्रमुख बाब फौजा सिंह के वाहन चालक की सेवा करते थे। बाद में धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रमुख सेवादार बाबा टहल सिंह के समय धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रबंधक रहे। बाबा टहल सिंह के स्वर्गवास के प्रमुख बाद बाबा तरसेम सिंह को धार्मिक डेरा कार सेवा का प्रमुख जत्थेदार बनाया गया।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa