इस आईएफएस के खिलाफ हुई चार्जशीट की तैयारी, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने माना आईएफएस ने नियमों का किया उल्लंघन।
आरोप है कि अदालत की रोक के बावजूद विभाग में श्रमिकों को फॉरेस्ट गार्ड के पद पर नियमित कर दिया गया था। इस मामले में मनोज चंद्रन को शासन ने कुछ समय पूर्व ही नोटिस भेजा। नियम टूटने की बात सामने आई हैं।वन विभाग में पदोन्नति और नियमितीकरण में मानकों की अनदेखी के मामले में सीसीएफ मनोज चन्द्रन को चार्जशीट देने की तैयारी है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद चार्जशीट की फाइल शासन को भेज दी गई है।दरअसल, वर्ष 2018 में वन विभाग की नियमावली में वन दरोगा के पदों को लेकर विशेष संशोधन किया गया था। इसमें एक तिहाई पद सीधी भर्ती, जबकि दो तिहाई पद प्रमोशन के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान किया गया वन दरोगा के करीब 1729 पदों के सापेक्ष मानक के अनुसार एक और दो तिहाई अनुपात में पद भरे जाने थे।
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दरअसल, वर्ष 2018 में वन विभाग की नियमावली में वन दरोगा के पदों को लेकर विशेष संशोधन किया गया था। इसमें एक तिहाई पद सीधी भर्ती, जबकि दो तिहाई पद प्रमोशन के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान किया गया वन दरोगा के करीब 1729 पदों के सापेक्ष मानक के अनुसार एक और दो तिहाई अनुपात में पद भरे जाने थे।आरोप है कि अदालत की रोक के बावजूद विभाग में श्रमिकों को फॉरेस्ट गार्ड के पद पर नियमित कर दिया गया था।
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इस मामले में मनोज चंद्रन को शासन ने कुछ समय पूर्व ही नोटिस भेजा था। शासन की ओर से उनसे इसका जवाब मांगा गया था। लेकिन उनके जवाब से शासन संतुष्ट नहीं हुआ।मंत्री ने माना नियम टूटे वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि अफसर ने नियम का उल्लंघन किया है। पद से ज्यादा प्रमोशन किए गए। जबकि रोक के बावजूद कई कर्मचारी नियमित कर दिए गए। पत्रावली पर मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है। उन्होंने बताया कि चार्जशीट जारी की जा रही है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa