उत्तराखंड:-पहाड़ो मे बर्फबारी का सिलसिला जारी, बर्फीली वादियों के दीदार का मौका, पर्यटको की मौज भी और परेशानी भी, घंटो फसें रहें।
देवभूमि उत्तराखंड इन दिनों चांदी सी चमक रही है। पहाड़ों पर बर्फबारी की सिलसिला जारी है। वहीं गंगोत्री- यमुनोत्री धाम ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। फरवरी की शुरुआत बारिश-बर्फबारी के साथ हुई थी। एक दिन मौसम साफ रहने के बाद फिर मौसम बदला तो सुबह से बारिश और बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया।
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इन बर्फीली वादियों के दीदार का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता है। इसलिए टूरिस्ट भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यमुनोत्री धाम सहित आसपास बर्फबारी दूसरे दिन भी जारी है। लगातार बारिश बारिश के बीच यमुनोत्री धाम का ताजा मनमोहक नजारा सामने आया। धाम में रह रहे हनुमान मंदिर के मुख्य भरत महाराज ने बताया कि धाम में करीब तीन फिट से अधिक बर्फ पड़ चुकी है और अभी भी बर्फबारी जारी है।
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धनोल्टी-काणाताल में फिर बर्फबारी…जाम से जूझे पर्यटक, चकराता में बर्फ में फंसे कई यात्रियों के वाहनचंबा-मसूरी फलपट्टी क्षेत्र के धनोल्टी, सुरकंडा, काणाताल और बुरांशखंडा क्षेत्र में सोमवार सुबह फिर से बर्फबारी हुई। पर्यटकों ने बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया।
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हालांकि, बर्फबारी के कारण चंबा-मसूरी मार्ग काणाताल और बुरांशखंडा के पास लगभग दो घंटे बंद रहने से पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ावहीं, त्यूणी-चकराता-मसूरी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जमी बर्फ के चलते यात्रियों के सात वाहन फंस गए। जिन्हें एडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।पर्यटन स्थल धनोल्टी और सुरकंडा मंदिर के साथ ही फलपट्टी क्षेत्र में सोमवार सुबह छह बजे से बर्फबारी शुरू हुई।
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पहाड़ों की रानी मसूरी में भी देर रात से रुक रुककर हो बारिश, हो रही है।वहीं चमोली के गैरसैंण के पैंसर,पनछूया, भराड़ीसैंण, दूधातोली पर्वत चोटियां बर्फ से ढकी हैं। कर्णप्रयाग में भी रात से बारिश के साथ ही थराली, देवाल,गैरसैण की पहाड़ियां हिमाच्छादित है।
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बर्फ गिरने की सूचना मिलते ही होटल के कमरों में कैद पर्यटक बाहर निकले और बर्फ में मस्ती करने लगे। मसूरी में ठहरे पर्यटक भी बुरांशखंडा और धनोल्टी के लिए निकल पड़े। हालांकि, बर्फबारी के कारण काणाताल और बुरांशखंडा में मोटर मार्ग बाधित होने से वह धनोल्टी नहीं पहुंच पाए।प्रशासन ने जेसीबी से बर्फ हटवाकर सुबह 11 बजे सड़क यातायात बहाल किया। तहसीलदार आरपी ममगाईं ने बताया, सड़क से बर्फ गलाने के लिए लगातार चूना डाला जा रहा है। दोनों ओर जेसीबी मशीन भी तैनात की गई है।चकराता में एसडीआरएफ के जवानों ने जैसे-तैसे बर्फ में फंसे वाहनों को किनारे कर 25 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। वाहनों में फंसे अधिकांश लोग पर्यटक थे, जो बर्फबारी का आनंद लेने पहुंचे थे।
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मौसम के बदले चक्र और जलवायु परिवर्तन के चलते भले ही बारिश-बर्फबारी में देरी हुई है। लेकिन, फरवरी में अभी तक दो बार हुई बर्फबारी से ग्लेशियर अच्छे रिचार्ज हुए हैं। इसका निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। इस महीने अभी एक-दो बार और ऐसा ही मौसम होने की संभावना है।
– बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa