भारामल मंदिर के महंत हरिगिरि महाराज और उनके सेवादार की हत्या के मामले में झनकईया थाने में रिपोर्ट दर्ज एसओजी और पुलिस ने हत्याकांड के खुलासे को झोंकी ताकत।
खटीमा ( उधम सिंह नगर )-बाबा भारामल मंदिर के पुजारी और सेवक की हत्या के खुलासे को लेकर एसओजी सहित जिलेभर के पुलिस के अधिकारियों ने रात दिन एक कर दी है। पुलिस की कई टीमें उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गई हैं। अपर पुलिस अधीक्षक और एसपी क्राइम ने डाला डेरा।
थाना झनकईया क्षेत्र में आने वाला बाबा भारमल मंदिर में हुई मंदिर के पुजारी हरी गिरी महाराज और सेवादार रूप सिंह की हत्या के मामले में हत्यारों तक पहुंचने के लिए एसओजी और पुलिस सहित विभिन्न एजेंसियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल और एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोड़के ने थाने में डेरा डाल पुलिस को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं।
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वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी पुलिस की कार्रवाई के संबंध में लगातार फीडबैक ले रहे हैं। हत्याकांड के खुलासे को लेकर एसओजी और पुलिस की कई टीमें उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। जिसका जिलेभर के कई उपनिरीक्षकों को जिम्मा सौंपा गया है।
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बता दें कि पांच जनवरी की रात बाबा भारामल मंदिर पर पहुंचे नकाबपोश बदमाशों ने मंदिर के पुजारी हरि गिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की लाठी डंडों से पीट कर हत्या करती थी। और एक अन्य सेवादार नन्हें को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसका नागरिक अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं एक अन्य सेवादार जगदीश ने छुपकर अपनी जान बचाई थी। जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है। इधर पुलिस वन विभाग के सहयोग से जंगल क्षेत्र में लगे कैमरों को भी खंगालने में लगी है।
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पुजारी के भाई की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज
खटीमा। बाबा भारामल के पुजारी हरि गिरि महाराज की हत्या के मामले में पुलिस ने उनके भाई की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के ग्राम कासिमपुर तहसील व थाना बीसलपुर जिला पीलीभीत निवासी सुखलाल ने पुलिस के सौंपी तहरीर में कहा है कि उसके भाई हरि गिरि महाराज पुत्र सुखदेव गिरी बाबा भारामल मंदिर में महंत थे। यह भी कहा है कि पांच जनवरी की सुबह उन्हें सूचना मिली कि रात्रि में अज्ञात लोगों ने हरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह निवासी बग्गा चौवन की हत्या कर दी है और नन्हें पुत्र सियाराम निवासी अमरकोड, बीसलपुर जिला पीलीभीत को घायल कर दिया जो अस्पताल में भर्ती है।
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तहरीर में यह भी कहा है कि जहां उसके भाई की हत्या हुई वहां उनका झोला, टूटा दानपात्र और बिखरा समान पड़ा हुआ था। पीड़ित ने पुलिस से मामला दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है। पुलिस ने सुखलाल की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ धारा 302/307 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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बाबा भारामल मंदिर का इतिहास 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है। लोगों का मानना है कि जो भी यहां पहुंचकर सच्चे मन से अपनी मन्नतें मांगता है वह बाबा अवश्य पूरी करते हैं। लोगों की आस्था और विश्वास के चलते बरसों से इस मंदिर पर श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही गई है।
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बताया जाता है कि अंग्रेजों के जमाने में करीब सन 1925 में जब शारदा नहर (जो आज सुखी नहर के नाम से जानी जाती है) की खुदाई हो रही थी। उसी समय बाबा भारामल की समाधि नहर के रास्ते में आ गई। इसी स्थान पर नहर पर पुल निर्माण की भी योजना थी और समाधि को हटाकर पुल का निर्माण कराया गया लेकिन कुछ ही समय बाद यह पुल धराशायी हो गया। यह भी बताया जाता है कि अंग्रेजों द्वारा इस स्थान पर पुनः पुल निर्माण कराया गया वह भी नहीं टिक सका।
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इसके बाद पुल निर्माण करने वाली संस्था द्वारा बाबा भारामल की समाधि को पुल से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर स्थापित कराई गई और पुल निर्माण हुआ। जो काफी समय तक चला हालांकि वह इस समय भी टूट गया है। इस समय से लोगों में बाबा भारामल की शक्ति का संचार हुआ और बिहड़ और घने जंगल के बावजूद वहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर पूजा अर्चना करने हैं। बाबा भारामल की समाधि पर गुड की भेली और चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
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यहां आने वाले श्रद्धालु जनों का मानना है कि यहां मांगी जाने वाली उनकी मन्नतें सदा पूरी होती हैं। मन्नतें पूरी होने के बाद श्रद्धालु एक बार पुनः यहां पहुंचकर पूजा अर्चना कर और स्वयं को धन्य महसूस करते हैं। नहर निर्माण के समय रास्ते में बनी बाबा भारामल की समाधि कब बनी इसका कोई पता नहीं है।
खटीमा। भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज और उनके सेवादार की हत्या के मामले में झनकईया थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच झनकईया थानाध्यक्ष को सौंपी गई है।
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कासिमपुर, बीसलपुर (पीलीभीत) निवासी श्री हरिगिरि महाराज के बड़े भाई सुखलाल पुत्र पुरनलाल ने पुलिस को तहरीर सौंपकर बताया कि अज्ञात हमलावरों ने उनके भाई के अलावा सेवादार रूप सिंह बिष्ट की हत्या कर दी। इसके अलावा दूसरे सेवादार नन्हे पर भी जान से मारने की नीयत से हमला किया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध हत्या और जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोहरे हत्याकांड की जांच झनकईया थानाध्यक्ष रवींद्र सिंह बिष्ट को सौंपी गई है।
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इधर, रविवार को खटीमा उप जिला अस्पताल में भर्ती घायल नन्हे का पुलिस अभिरक्षा में इलाज जारी रहा। जांच में जुटी पुलिस ने रविवार को भी यूपी समेत अन्य स्थानों पर हमलावरों की तलाश में दबिश दी। वन विभाग के साथ सुरई के जंगलों में कांबिंग भी की। वन विभाग के 34 कैमरा ट्रैप की चिप निकालकर जांच की गई, लेकिन कोई महत्वपूर्ण सुराग हाथ नहीं लगे।
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दोहरे हत्याकांड के खुलासे तक बंद रहेगा सुरई इको टूरिज्म जोन
खटीमा। श्री हरिगिरि महाराज और उनके सेवक की हत्या के खुलासे में जुटी पुलिस और वन विभाग की टीम सुरई वन क्षेत्र में संयुक्त कांबिंग कर रही हैं। इसके चलते सुरई इको टूरिज्म जोन पर्यटकों के बंद कर दिया गया है। अब हत्याकांड के खुलासे के बाद ही टूरिज्म जोन पर्यटकों के लिए खुलेगा।
सुरई रेंज के घने जंगलों में स्थित भारामल मंदिर में बृहस्पतिवार मध्यरात्रि महंत श्री हरिगिरि महाराज और उनके सेवक रूपा की हत्या कर दी गई थी। आरोपियों के सुरई रेंज के जंगलों में छिपे होने और जंगल के प्रवेश द्वारों से भागने की आशंका को देखते हुए शुक्रवार को नाकाबंदी कर दी गई थी। सुरई रेंज के जंगल के सभी प्रवेश द्वारों पर वन विभाग और पुलिस कर्मी तैनात रहे। इसके साथ सुरई इको टूरिज्म जोन में पर्यटकों को जाने से रोक दिया गया। हालांकि संयुक्त कांबिंग के बावजूद टीम के हाथ कोई सुराग नहीं लगे। वन क्षेत्राधिकारी आरएस मनराल ने बताया कि दोहरे हत्याकांड के खुलासे के बाद टूरिज्म जोन को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।
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भारामल मंदिर में अधूरा रह गया तालाब का निर्माण
खटीमा। श्री हरिगिरि महाराज के निधन के साथ ही भारामल मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए बनाया जा रहा है। तालाब का निर्माण भी रुक गया है। लोगों ने बताया कि श्री हरिगिरी महाराज मंदिर परिसर में तालाब का निर्माण करवा रहे थे। इसमें कमल के फूल आदि लगाने के कार्य किए जाने थे। श्री हरिगिरि महाराज समय से इस तालाब का निर्माण करवाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। लेकिन तालाब का निर्माण पूरा होने से पहले उनका निधन हो गया।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa