महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में गंभीर आरोप, लगाई इच्छामृत्यु की गुहार।

महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में गंभीर आरोप, लगाई इच्छामृत्यु की गुहार।

महिला जज ने आरोप लगाया कि रात में भी जिला जज से मिलने के लिए कहां जाता है।

नई दिल्ली। बांदा में तैनात सिविल जज अर्पिता साहू ने इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पत्र को लिखने का उद्देश्य मेरी कहानी बताने और प्रार्थना करने के अलावा कुछ और नहीं है। मैं बहुत उत्साह के साथ न्यायिक सेवा में शामिल हुई, सोचा था कि आम लोगों को न्याय दिला पाऊंगी। मुझे क्या पता था कि न्याय के लिए हर दरवाजे का भिखारी बना दिया जाएगा।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/14360

मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा कि काफी निराश मन से लिख रही हूं। आरोप है कि बाराबंकी में तैनाती के दौरान सिविल जज अर्पिता साहू को प्रताड़ना से गुजरना पड़ा। जिला जज पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप है। उन्होंने आरोप लगाया कि रात में भी जिला जज से मिलने के लिए कहा गया। अर्पिता साहू ने कहा कि मैंने मामले की शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से 2022 में की थी। लेकिन आज की तारीख तक कोई कार्यवाई नहीं हुई।
मेरी परेशानी को जानने की किसी ने परवाह नहीं की। जुलाई 2023 में मैंने मामले को एक फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट की आंतरिक शिकायत समिति के सामने उठाया।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/14613

जांच शुरू करने में 6 महीने और एक हजार ईमेल लग गए। उन्होंने प्रस्तावित जांच को दिखावा बताया है। गवाह जिला जज के अधीनस्थ हैं। ऐसे में बॉस के खिलाफ गवाह कैसे जा सकते हैं। निष्पक्ष जांच तभी हो सकती है कि जब गवाह अभियुक्त के प्रशासनिक नियंत्रण से आजाद हो। मैंने जांच लंबित रहने के दौरान जिला जज को ट्रांसफर किए जाने का निवेदन किया था, लेकिन मेरी प्रार्थना पर भी ध्यान नहीं दिया गया। जांच अब जिला जज के अधीन होगी। हमें मालूम है ऐसी जांच का नतीजा क्या निकलता है। इसलिए मुख्य न्यायाधीश से जिंदगी को खत्म करने की अनमुति मांगी है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/14599

बबेरू न्यायालय में तैनात महिला जज लखनऊ की रहने वाली बताई जा रही हैं। वर्ष 2019 में वह जज बनी नहीं थीं। उनकी पहली तैनाती बाराबंकी में हुई थी। इसके भी बाद मई 2023 में उनका स्थानातंरण बांदा में हुआ था। इसके बाद से वह यहां तैनात हैं। प्रतिदिन वह बबेरू न्यायालय में मुकदमों की सुनवाई के लिए जाती हैं। आपको बता दें कि वर्तमान में उन्हें छुट्टी में बताया जा रहा है। वह बांदा के शहर कोतवाली क्षेत्र के मवई बाईपास पर स्थित सर्किट हाउस के बागैन नदी के नाम से रूम में रहती हैं। वर्तमान में उनके रूम में ताला लटका हुआ है। उनके मोबाइल नंबर पर कई बार कॉल की गई, लेकिन उन्होंने किसी कॉल का जवाब भी नहीं दिया है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/14344

महिला जज द्वारा इच्छा मृत्यु मांग के जाने के इस मामले से न्याय व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं। मामले को लेकर हड़कम्प मचा हुआ है। वही महिला जज द्वारा लिखे गया पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/14587

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[democracy id="1"]

उत्तराखंड रजत जयंती: पीएम मोदी ने 8260 करोड़ की योजनाओं की सौगात, गढ़वाली में बोले, उत्तराखंड का मेरा भै-बन्धों; आप सबू कैं, म्यर नमस्कार, पैलागी, सेवा सौंली, प्रदर्शनी का अवलोकन, लोगों से संवाद, बच्चों को दुलारा..प्रधानमंत्री मोदी को सुनने उमड़ी भीड़

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए की 7 बड़ी घोषणाएं,आंदोलनकारी और उनके आश्रितों की बढ़ेगी पेंशन,राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों के परिजन सम्मानित, हेलिकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा।