यूकेएसएसएससी परीक्षा मामले- हरिद्वार में ड्यूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट की लापरवाही आई सामने, निलंबन की कार्रवाई, असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन निलंबित, एक दरोगा सहित दो पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से किया लंबित।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूके एसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर सेंटर से बाहर भेजने के मामले में हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने परीक्षा केन्द्र आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट में ड्यूटी पर तैनात रहे दो पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भी निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित पुलिसकर्मियों में सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी शामिल हैं। दोनों पर परीक्षा ड्यूटी के दौरान संवेदनशीलता और सतर्कता न बरतने का आरोप है। एसएसपी ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश पारित किया है। मामले की जांच सीओ रुड़की नरेन्द्र पंत को सौंपी गई है। एसएसपी ने निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
एसएसपी डोबाल ने साफ कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। परीक्षा केन्द्रों की सुरक्षा और निगरानी में तैनात पुलिसकर्मी अगर अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार नहीं रहेंगे तो सीधे तौर पर उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा मामले में हरिद्वार में कार्रवाई की गई है। आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट में ड्यूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट के.एन. तिवारी को ड्यूटी में लापरवाही का दोषी पाया गया है। तिवारी, जो जिला ग्राम्य विकास अभिकरण हरिद्वार में परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत है। प्रथम दृष्टया जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया गया है।
बता दें, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा मामले में शिकायतों की जांच एसआईटी करेगी। सरकार ने एसआईटी को जांच रिपेार्ट देने के लिए एक महीने का समय तय किया है। एसआईटी हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में काम करेगी।
एसआईटी को सौंपी गई जांच
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने इसे लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरी है। इसलिए जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी को सौंपी गई है। एसआईटी भर्ती परीक्षा में पेपर एक सेंटर से बाहर आने के मामले के हर पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट देगी। सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है।
उन्होंने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।