दून घाटी में आसमानी आफत ने दिखा खौफनाक मंजर, अब तक 15 शव बरामद, 10 से ज्यादा लापता, घर-सड़कें बहीं,  पुल और संपत्तियां नष्ट, CM धामी ने किया आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा…. तस्वीरें।

दून घाटी में आसमानी आफत ने दिखा खौफनाक मंजर, अब तक 15 शव बरामद, 10 से ज्यादा लापता, घर-सड़कें बहीं,  पुल और संपत्तियां नष्ट, CM धामी ने किया आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा…. तस्वीरें।

देहरादून में मूसलाधार वर्षा के कारण सहस्रधारा और मालदेवता क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है नदियाँ उफान पर हैं और सड़कें पुल बह गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया है और प्रधानमंत्री मोदी ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। रेस्क्यू जारी है।

देहरादून में देर रात बादल फटने से भारी तबाही मची है। कुछ मजदूरों के बहने की सूचना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत चमोली, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल जिले के कुछ इलाकों में तेज दौर की बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी तेज बारिश होने की संभावना है। 21 सितंबर तक प्रदेशभर में तेज दौर की बारिश होने के आसार हैं।

देर रात तेज बारिश के बाद शहर भर में तबाही मची। सुबह हालात बुरे दिखे। आपदा में कई लोगों की जान चली गई और कई घर मकान भी तबाह हो गए।

राजधानी देहरादून में मंगलवार की रात बारिश कहर बनकर बरसी। दून घाटी के सहस्रधारा में बादल फटने से तबाही मच गई। यहां कई संपत्तियां नष्ट हुई और लोग लापता हो गए। कई नदियां ऊफान पर आई तो अपने साथ लोगों को बहाकर ले गईं। मालदेवता से ऊपर एक गांव में मकान गिर गया जिसमें आठ लोग दब गए। शाम तक कुल 15 लोगों के शव अलग-अलग जगहों से बरामद हुए।

प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास दशकों पुराना पुल टूट गया जिससे यातायात पूरी तरह बंद हो गया। इसके अलावा कई और छोटे-बड़े पुलों को नुकसान पहुंचा। इससे भी आवाजाही बाधित हो गई। प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर और जामुनवाला स्थित एकादश हनुमान मंदिर को बड़ा नुकसान हुआ। पर्यटक स्थल गुच्चू पानी में सरकारी और निजी कई संपत्तियां पूरी व आंशिक रूप से नष्ट हो गईं। मालदेवता क्षेत्र में भी व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ।

देहरादून और आसपास के इलाकों में सोमवार शाम से ही बारिश हो रही थी। देर रात तक बारिश की तीव्रता बढ़ी तो नुकसान की खबरें आने लगीं। अतिवृष्टि ने दून घाटी में हर जगह तबाही मचाई।

शहर के बीचोंबीच डालनवाला का रिस्पना नदी से सटा इलाके में भारी नुकसान हुआ। यहां मोहिनी रोड पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया। देर रात करीब एक बजे सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फट गया जिससे पानी दर्जनों इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया।

मालदेवता क्षेत्र में नदी के उफान से सड़क, पुश्ते और पुल बह गए, जबकि रिस्पना और बिंदाल नदी का जलस्तर बढ़ने से कई कालोनियां जलमग्न हो गईं। घरों में मलबा घुस गया। कई दुकानें और होटल भी बह गए।

भूस्खलन से मसूरी-देहरादून मार्ग बंद

देहरादून-पांवटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास पुल बह जाने से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। मसूरी-देहरादून मार्ग भी जगह-जगह भूस्खलन से बंद हो गया है।

क्षेत्र में कुल चार लोग बह गए। इनमें से तीन के शव शाम तक बरामद हो गए। सबसे ज्यादा जान का नुकसान झाझरा क्षेत्र में आसन नदी में हुआ। यहां खनन कार्य में लगे 16 मजदूर ट्रैक्टर समेत बह गए।

अलग-अलग जगहों से शाम तक इनमें से आठ लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे। दो लोग घायल भी हुए और छह लोग शाम तक लापता बताए गए। उधर, मालदेवता से करीब सात किलोमीटर ऊपर फुलेट गांव में एक मकान गिरने से वहां आठ लोग दब गए।

ग्रामीणों ने दो लोगों के शव तो निकाल लिए। शाम तक पुलिस और अन्य बचाव दल गांव तक पहुंचने की जद्दोजहद में लगे थे। मालदेवता के पास टिहरी क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल की अप्रोच रोड पानी में बह गई।

प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर में कुछ साल पहले स्थापित की गई बड़ी पीतल की प्रतिमा बह गई। मंदिर के गर्भगृह तक पानी पहुंचा और शिवलिंग तक डूब गया।

जामुनवाला स्थित एकादश मुखी हनुमान मंदिर परिसर भी आधे से ज्यादा पानी में बह गया। मुख्य मंदिर भी खतरे की जद में आ गया।

शाम तक बचाव दलों ने कुल 70 लोगों को अलग-अलग जगहों से सुरक्षित निकाल लिया था।

वहीं, आसन नदी में अचानक तेज बहाव में कई लोग फंस गए थे। इनमें से एक युवक वहां बिजली के खंभे पर चढ़ गया। मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और को खंभे से उतारा।

आसन नदी में ट्रैक्टर ट्राली के बहने से 13 लोग लापता हो गए, जिनमें से 5 लोगों के शव मिले हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, कुल 10 शव बरामद किए गए हैं, 8 लोग अभी भी लापता हैं। कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जज रेट पहाड़ी से पत्थर गिरने से स्कूटी सवार पंजाब के युवक की मौत हो गई।

वहीं, मसूरी के झड़ीपानी से राजपुर को जाने वाले पुराने पैदल मार्ग के पास भूस्खलन में दो लोग दब गए। इनमें एक की मौके पर ही मौत हो गई। मलबा भरने के कारण देवभूमि कालेज में छात्र-छात्राओं को बाहर निकल गया है। देहरादून में टपकेश्वर महादेव मंदिर में पानी भरने से रेलिंग और पानी की टंकी बह गई।

सीएम धामी ने किया दौरा

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व स्थानीय प्रशासन लगातार सक्रिय हैं।

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