प्रवीण वाल्मीकि गैंग के जुड़े दो पुलिसकर्मी किया गिरफ्तार, उत्तराखंड एसटीएफ का बड़ा खुलासा – रुड़की मनीष बोलर केस की जांच में मिले चौंकाने वाले सबूत।
देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग से संबंध रखने वाले दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर एक बार फिर से अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश दिया है। यह खुलासा रुड़की मनीष बोलर केस की जांच में सामने आया, जिससे पूरे प्रदेश में हलचल मची हुई है।
एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार पुलिसकर्मी आरक्षी शेर सिंह और आरक्षी हसन अब्बास जैदी पिथौरागढ़ में तैनात थे। इन पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने कुख्यात गैंग के साथ मिलकर पीड़िता रेखा और उसके बेटे सूर्यकांत को धमकाकर उनकी करोड़ों की संपत्ति कब्जाने के षड्यंत्र में सक्रिय भूमिका निभाई।
विशेष खुलासे के अनुसार, शेर सिंह ने रुड़की कोर्ट परिसर में पीड़िता परिवार की मुलाकात गैंग के मुखिया प्रवीण वाल्मीकि से कराई और जमीन बेचने के लिए दबाव बनाया। वहीं, हसन अब्बास जैदी ने पीड़िता के बेटे सूर्यकांत को रुड़की अस्पताल में धमकाकर संपत्ति बेचने के लिए मजबूर किया। एसटीएफ को आरोपियों के गैंग के सदस्यों से कॉल डिटेल्स, मुलाकात के ठोस प्रमाण भी प्राप्त हुए। इन सबूतों के आधार पर कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर का ऐलान:
“प्रवीण वाल्मीकि गैंग को पूरी तरह समाप्त करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। जो भी पुलिसकर्मी या अन्य व्यक्ति अपराधियों से मिलकर चलने की हिम्मत करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
मनीष बोलर का मामला:
कुछ ही समय पहले उत्तराखंड एसटीएफ ने भाजपा पार्षद और प्रवीण वाल्मीकि के रिश्तेदार मनीष बोलर को भी गिरफ्तार किया था। जांच में यह खुलासा हुआ कि मनीष बोलर ने फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर रेखा और कृष्ण गोपाल की जमीन करोड़ों में बेची थी। इस मामले की पृष्ठभूमि में 2014 में श्याम बिहारी की मौत, उसके भाई कृष्ण गोपाल की हत्या (2018), और फिर रेखा परिवार पर लगातार धमकियां शामिल हैं।
कृष्ण गोपाल के बाद इस संपत्ति की सारी जिम्मेदारी श्याम बिहारी की पत्नी रेखा के पास आ गई। प्रवीण वाल्मीकि गैंग ने रेखा पर जमीन उनके नाम करने का दबाव बनवाया। इसके लिए साल 2019 में रेखा के भाई पर भी वाल्मीकि गैंग ने हमला किया था। लगातार धमकियों से परेशान रेखा परिवार के साथ कहीं अज्ञात जगह पर जाकर रहने लगी थी। इसी का फायदा प्रवीण वाल्मीकि गैंग ने उठाया।
आरोप है कि मनीष बोलर ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक महिला को रेखा दिखाकर और दूसरी महिला को कृष्ण गोपाल की पत्नी स्नेहलता बनाकर पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की। इसी फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर मनीष बोलर ने रेखा और स्नेहलता की जमीन करोड़ों रुपए में बेच दी थी।
इसके बाद ही उत्तराखंड एसटीएफ ने मनीष बोलर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान उत्तराखंड एसटीएफ को दो पुलिसकर्मियों के बारे में भी जानकारी मिली थी।उत्तराखंड एसटीएफ ने दोनों पुलिसकर्मियों की जांच की तो सामने आया है कि ये दोनों प्रवीण वाल्मीकि गैंग से जुड़े हुए है।दोनों पर रेखा और उसके बेटे सूर्यकांत को डराने धमकाने का आरोप है।
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया था। कि उन्हें इस पूरे मामले में एक अज्ञात शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता ने उत्तराखंड एसटीएफ को पत्र भेजा था। जिसके बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने मामले की जांच की. जांच सही पाए जाने पर ही पुलिस ने मनीष बोलर और उसके साथी को गिरफ्तार किया था। कुछ लोग अभी भी इस मामले में फरार है। जिनकी पुलिस तलाश में जुटी हुई है।