मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से नवाजा महान साहित्यकारों को, ₹5 लाख पुरस्कार राशि सहित दो साहित्य ग्राम स्थापित करने की भी की घोषणा।
📜 देहरादून, 14 सितम्बर 2025:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिंदी दिवस के अवसर पर आई०आर०डी०टी० सभागार, सर्वे चौक, देहरादून में आयोजित भव्य ‘उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान समारोह’ में प्रदेश और देश भर के साहित्यकारों, कवियों और भाषा प्रेमियों को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा (मरणोपरान्त) एवं सोमवारी लाल उनियाल व अतुल शर्मा को उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण सम्मान के तहत प्रत्येक साहित्यकार को ₹5 लाख की पुरस्कार राशि प्रदान करने की घोषणा की। साथ ही राज्य सरकार द्वारा दो ‘साहित्य ग्राम’ की स्थापना भी की जाएगी, जहाँ साहित्यकारों के लिए आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। ये साहित्य ग्राम उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।
सीएम धामी ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और यह समाज को नई दिशा व सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा देता है। उन्होंने सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, शिवानी, शैलेश मटियानी, गिर्दा, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा जैसे रचनाकारों को श्रद्धापूर्वक याद करते हुए बताया कि उत्तराखंड की साहित्यिक परंपरा अत्यंत समृद्ध है, जिसे सरकार संजोने और संवर्धित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान के माध्यम से स्थानीय भाषाओं व बोलियों के संरक्षण हेतु भी निरंतर प्रयास जारी हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपनी समृद्ध भाषायी विरासत से जुड़ी रहें। इसके अतिरिक्त, सरकार द्वारा ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान’, ‘साहित्य भूषण’, और ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कारों के माध्यम से भी साहित्यकारों का सम्मान किया जा रहा है। इसी तरह, विद्यार्थियों के लिए रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित कर 100 से अधिक युवा रचनाकारों को पुरस्कृत किया गया है। हिंदी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 176 मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में 62 साहित्यकारों को उनके पुस्तकों के प्रकाशन हेतु अनुदान प्रदान किया गया है, और इस वर्ष पुस्तक प्रकाशन के लिए 25 लाख रुपये का विशेष बजट रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊँचाई मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि साहित्यकार अपनी रचनात्मकता से उत्तराखंड और भारत की साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत को और अधिक समृद्ध बनाएं।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, सचिव नीरज खैरवाल, भाषा संस्थान की निदेशक जसविंदर कौर सहित अन्य गणमान्य अतिथि, शिक्षाविद्, साहित्यकार, छात्र एवं संस्कृति प्रेमी उपस्थित रहे।