राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मुकदमा , जिलाधिकारी ने लिया कड़ा एक्शन, जानिये वजह

राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मुकदमा , जिलाधिकारी ने लिया कड़ा एक्शन, जानिये वजह।

 

श्रीनगर, गढ़वाल:  चारधाम यात्रा मार्ग पर लापरवाही और कुप्रबंधन एक बार फिर उजागर हो गया। बदरीनाथ-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रीनगर के फरासू क्षेत्र में गुरुवार को अलकनंदा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण हाइवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नदी में समा गया। जिससे यातायात पूरी तरह से करीब पांच घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा। इस गंभीर घटनाक्रम के बाद जिलाधिकारी पौड़ी, स्वाति एस भदौरिया के निर्देश पर एनएच लोनिवि खंड श्रीनगर के अधिशासी अभियंता के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 65 व बीएनएस अधिनियम की धारा 223 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

लापरवाही का नतीजा: यात्रियों को भुगतना पड़ा खामियाजा

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक बदरीनाथ-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बंद रही।चमोली, रुद्रप्रयाग से ऋषिकेश-देहरादून की ओर जाने वाले और श्रीनगर से चमोली-रुद्रप्रयाग की ओर जाने वाले यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा।

गौरतलब है कि बीते वर्ष से ही फरासू क्षेत्र में हाइवे का 100 मीटर से अधिक हिस्सा अलकनंदा नदी में समा चुका था। चारधाम यात्रा से पूर्व एनएच लोनिवि द्वारा पहाड़ी काटकर मार्ग चौड़ा किया गया। लेकिन बारिश और नदी के बढ़ते जलस्तर से भू कटाव और भूस्खलन की घटनाएं तेज होती गईं।गुरुवार को अचानक बड़े पैमाने पर कटाव की वजह से मार्ग बाधित हो गया। एनएच लोनिवि ने जेसीबी व पोकलैंड मशीन की मदद से मार्ग को खोलने का प्रयास किया, परंतु खतरा बरकरार रहा।

हालांकि अलकनंदा नदी की ओर से भू कटाव का खतरा अभी भी बरकरार है. मार्ग बाधित होने पर जिलाधिकारी पौड़ी ने उपजिलाधिकारी को विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके बाद पटवारी की तहरीर पर कोतवाली श्रीनगर में एनएच लोनिवि के अधिशासी अभियंता के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मुकदमा पंजीकृत होने की पुष्टि सीओ श्रीनगर अनुज कुमार ने की है।

👉 यह साफ है कि विभागीय लापरवाही ने न केवल यात्रियों को परेशान किया, बल्कि चारधाम यात्रा की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद अधिकारियों की जवाबदेही तय होती है या यह कार्रवाई भी कागज़ों तक सीमित रह जाएगी।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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