नैनीताल की हेरिटेज बिल्डिंग ‘ओल्ड लंदन हाउस’ में लगी भीषण आग, धू-धूकर जली 162 साल पुरानी इमारत, दमकल विभाग बुझाने में जुटा -बुजुर्ग महिला की मौत
NAINITAL FIRE INCIDENT नैनीताल की हेरिटेज बिल्डिंग ओल्ड लंदन हाउस में भीषण आग लग गई। बुजुर्ग महिला की मौत।
नैनीताल में एक घनी आबादी वाले इलाके में स्थित एक भवन में भीषण आग लग गई है। दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। वहीं आशंका है कि इस भवन में एक बुजुर्ग महिला की जलकर मौत हो गई है। भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।
नैनीताल। मल्लीताल मोहन चौराहे पर स्थित 162 साल पुरानी हेरिटेज बिल्डिंग ओल्ड लंदन हाउस बुधवार देर रात भीषण आग की चपेट में आकर राख हो गई। हादसे में इतिहासकार प्रो. अजय रावत की बड़ी बहन शांता देवी (65) की जलकर मौत हो गई, जबकि उनका बेटा निखिल स्थानीय युवकों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग रात करीब पौने दस बजे लगी और धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया। लकड़ी से बने इस भवन में लपटें तेजी से फैल गईं और पूरा ढांचा धू-धू कर जल उठा। आसपास के दुकानदार और स्थानीय लोग बाल्टियों व फायर एक्स्टिंग्युशर से आग बुझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन दमकल की टीम के देर से पहुँचने और खाली हाइड्रेंट मिलने के कारण स्थिति बेकाबू हो गई।
करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद रात साढ़े 12 बजे आग पर नियंत्रण पाया गया।फायर सर्विस, पुलिस, एयरफोर्स फायर टेंडर एवं अन्य बचाव दल की तत्परता से मल्लीताल क्षेत्र स्थित मोहनको चौराहे पर बिल्डिंग में लगी आग पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया गया है।
➡️ आग बुझाने की कार्यवाही में लोकल पुलिस फोर्स, फायर टीम, एयरफोर्स फायर टीम, भवाली, भीमताल , रामनगर, हल्द्वानी पुलिस सहित अन्य जनपदों से मंगाए गए अतिरिक्त फायर टेंडर भी सक्रिय रूप से लगे रहे।
इसके बाद मलबे से शांता देवी का अधजला शव बरामद हुआ। घटना में आसपास की दुकानों और मकानों को भी खतरा उत्पन्न हो गया था, हालांकि उन्हें समय रहते सुरक्षित कर लिया गया।
ऐतिहासिक धरोहर खाक
यह भवन 1863 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बना था। उस समय नैनीताल नॉर्थ प्रॉविंस कैपिटल हुआ करता था। भवन की ऊपरी मंजिल में अंडर सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी, दूसरी मंजिल पर लिपिक और निचली मंजिल पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहते थे। बाद में यह अलग-अलग हिस्सेदारों के स्वामित्व में आ गया।वर्तमान में इतिहासकार प्रो. अजय रावत की बड़ी बहन शांता देवी व बेटा उनका निखिल यहां रह रहे थे।
लापरवाही पर सवाल
स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग की देरी और संसाधनों की कमी पर नाराजगी जताई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई होती तो हादसा इतना बड़ा रूप नहीं लेता और एक जान भी बचाई जा सकती थी।
इस दर्दनाक हादसे ने न केवल नैनीताल की एक ऐतिहासिक धरोहर छीन ली, बल्कि शहरवासियों को गहरे सदमे में डाल दिया।