छात्रवृत्ति घोटाले पर मुख्यमंत्री धामी का बड़ा एक्शन: 92 संस्थाएं जांच के घेरे में, विशेष जांच टीम (SIT) गठन के आदेश, “भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा”-सीएम धामी।
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में अनियमितताओं की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने दिए एसआईटी गठित की करने के निर्देश
भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा- मुख्यमंत्री
देहरादून -उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े और अनियमितताओं के खुलासे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत कई संस्थाओं द्वारा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से छात्रवृत्ति राशि गबन करने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के निर्देश दिए हैं।
फर्जी दस्तावेज, फर्जी छात्र, फर्जी संस्थाएं
प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि कई संस्थाओं—जिनमें कुछ मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य निजी शिक्षण संस्थान शामिल हैं—ने फर्जी आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और छात्र संख्या के जरिए छात्रवृत्ति प्राप्त की है। उधम सिंह नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल और रुद्रप्रयाग स्थित वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय जैसे नाम भी अनियमितता में शामिल बताए जा रहे हैं।
17 संस्थाएं दोषी, 92 संदेह के घेरे में
2021–22 और 2022–23 सत्र के आंकड़ों के अनुसार राज्य की कुल 92 संस्थाएं संदेह के घेरे में हैं। इनमे से 17 संस्थाओं में गबन की पुष्टि हो चुकी है। नैनीताल, हरिद्वार समेत अन्य जिलों की कई संस्थाएं भी जांच के दायरे में हैं।
केंद्र ने दिए 7 बिंदुओं पर जांच के निर्देश
केंद्र सरकार ने इस मामले में सात अहम बिंदुओं पर जांच करने और फर्जीवाड़ा पाए जाने पर संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि “राज्य में छात्रवृत्ति जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री, ( उत्तराखंड )