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सोमवती अमावस्या आज, धर्मनगरी में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब उमडा, हरिद्वार में माँ गंगा में पवित्र डुबकी लगा रहे भक्‍त गूंज रही हर-हर गंगे की जयकारों हुआ गुंजायमान

सोमवती अमावस्या आज, धर्मनगरी में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब उमडा, हरिद्वार में माँ गंगा में पवित्र डुबकी लगा रहे भक्‍त गूंज रही हर-हर गंगे की जयकारों हुआ गुंजायमान

सोमवती अमावस्या पर धर्मनगरी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भीड़ इतनी है कि हरकी पैड़ी पर तिल रखने तक की जगह नहीं है। श्रद्धालुओं की भीड़ से मालवीय दीप सहित सभी स्थल खचाखच भरे हुए दिखे। वहीं व्यवस्था बनाने में पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात है।

श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए पुलिसकर्मी और छह कंपनी पीएसी तैनात की गई है।हर हर गंगे, जय मां गंगे, का जयघोष और हरकी पैड़ी की तरफ बढ़ते श्रद्धालुओं के कदम, मन में बस एक ही आशा की हरकी पैड़ी पहुंचकर गंगा स्नान कर पुण्य कमाना है। यह नजारा सोमवती अमावस्या पर सोमवार भोर से शुरू हुए गंगा स्नान पर धर्मनगरी में देखने को मिला।

उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि, भूपतवाला, खड़खड़ी और मध्य हरिद्वार के लालतारो पुल, पोस्ट ऑफिस और अपर रोड पर सुबह चार बजे का ऐसा नजारा था कि मानो दूर तक भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी।भीमगोड़ा बैरियर से हरकी पैड़ी जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ तो सुबह पांच बजे इतनी बढ़ी की पुलिस द्वारा कांगड़ा घाट से श्रद्धालुओं को भेजा गया, जबकि हरकी पैड़ी से आने वाले ही भीमगोड़ा बैरियर से आ सके। इसके साथ ही दोपहिया वाहनों का भी प्रवेश सुबह साढ़े चार बजे भीमगोड़ा बैरियर से बन्द कर दिया गया था।

बात की जाये हरकी पैड़ी की तो श्रद्धालुओं की भीड़ से मालवीय दीप सहित सभी स्थल खचाखच भरे हुए थे। गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं को लगातार हरकी पैड़ी क्षेत्र से बाहर भेजा जा रहा था, इसके बावजूद दिन चढ़ने के साथ भीड़ कम होने की बजाए बढ़ती जा रही थी।वहीं भीड़ को देखते हुए पुलिस व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद है। श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए पुलिसकर्मी और छह कंपनी पीएसी तैनात की गई है।

मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शिव पुराण में भी सोमवती अमावस्या का उल्लेख है।पुराण और उपनिषदों में बताया गया है कि सोमवार के दिन सूर्य और चंद्रमा एक साथ होकर जब अमावस्या का निर्माण करते हैं तो उस दिन समस्त पितरों का ध्यान पृथ्वी लोक पर होता है।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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