उधम सिंह नहर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा में पांच दिवसीय समर कैम्प के समापन पर खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा बच्चों की हस्तलिखित पत्रिका ‘उमंग’ का विमोचन* शिक्षा विभाग के राजकीय प्राथमिक विद्यालय खटीमा द्वितीय तथा अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के साझा प्रयासों से टीचर लर्निग सेंटर (थारू राजकीय इंटर कालेज परिसर) खटीमा में दिनांक 20 जून से 24 जून तक समर कैम्प का आयोजन किया गया।
जिसमें खटीमा के विभिन्न स्कूलों के लगभग 65 बच्चों ने प्रतिभाग किया। जिसमें बच्चों को अध्यापिका कमला बिष्ट जी द्वारा प्रतिदिन कहानी लेखन, मोनिका सक्सेना जी द्वारा पेपर क्राफ्टिंग, मीना महरा जी द्वारा प्लास्टिक पेंटिंग आदि कौशल सिखाये गये l अध्यापिका निशा जोशी जी एवं शिप्रा जोशी जी द्वारा प्रतिदिन खेल गतिविधियां आयोजित की गयी ।
अध्यापिका राजलक्षमी विजय जी व उनकी पुत्री अपूर्वा जी द्वारा उत्तराखंडी आलेखन -एपण निर्माण, मुखौटा बनाना आदि सिखाया गया। दिब्य प्रकाश जोशी द्वारा बच्चों को सृजनात्मक लेखन सिखाया गया। मौसम वेधशाला प्रभारी अध्यापक श्री नरेंद्र सिंह रौतेला जी द्वारा बच्चों को मौसम वेधशाला भ्रमण संबंधी प्रायोगिक जानकारी दी गयी तथा संपूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा राजकीय प्राथमिक विद्यालय खटीमा द्वितीय की अध्यापिका रीता दीपक जी द्वारा तैयार की गयी।।
आलोक सिंह जी द्वारा बच्चों को पर्यावरण अध्यायन से संबंधित गतिविधियों की जानकारी दी गयी। कार्यक्रम के अंतिम दिवस में दिनाक 24 जून को सभी प्रतिभागी बच्चों व शिक्षकों द्वारा अपने चार दिन के अनुभव साझा किये गए तथा इस अवसर पर अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के आशीष त्रिपाठी जी द्वारा कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि इस तरह की अकादमिक गतिविधियां निरंतर हमारी कक्षाओं में भी होती रहनी चाहिए जिससे बच्चों को सीखने के नये- नये अवसर मिलते हैं। शिक्षा विभाग के ब्लाक समंवयक करुणेश सिंह जी ने बताया कि इस तरह के आयोजन सभी विद्यालयों में किये जाने की जरूरत है।
अंत में खंड शिक्षा अधिकारी श्री मुन्ना लाल सरोज जी द्वारा बच्चों द्वारा तैयार हस्त लिखित बाल पत्रिका ‘उमंग’ का विमोचन किया गया तथा बच्चों को प्रशस्ती पत्र वितरण कर कर्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम के बाद समर कैम्प के अनुभवों को लेकर आयोजित की गयी बैठक में श्री धर्मपाल गैंगवार जी द्वारा गतिविधियों का कक्षा में उपयोग और स्वयं का सीखना,श्री मनोज शर्मा, जी द्वारा समर कैंप को लेकर अपनी समझ तथा श्री जगदीश उप्रेती जी ने कौशलों की उपयोगिता के बारे में बताया तथा हंशी कन्याल जी ने कार्यक्रम के महत्व को बताया।
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa