यूकेएसएसएससी परीक्षा फर्जीवाड़ा: यूपी के अभ्यर्थी ने घटाई उम्र, बनाए फर्जी सर्टिफिकेट एक ही परीक्षा के लिए भर डाले तीन सेंटर,फर्जी स्थायी निवास भी मिला, गिरफ्तार!
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा में एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। पुलिस ने यूपी के एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है, जिसने उम्र निकलने पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर एक ही परीक्षा के लिए तीन अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से आवेदन किया था।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने अपनी जन्मतिथि में हेरफेर करते हुए सरकारी नौकरी पाने की लालच में दस्तावेजों में भारी फर्जीवाड़ा किया। आरोपी की पहचान सुरेंद्र कुमार निवासी कनकपुर, भोजपुर मोदीनगर, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है।
एसएसपी देहरादून अजय सिंह के निर्देश पर हुई जांच में सामने आया कि आरोपी ने तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों से टिहरी, हरिद्वार और देहरादून के परीक्षा केंद्रों के लिए आवेदन किया था। आयोग द्वारा डाटा परीक्षण में संदिग्ध प्रविष्टि मिलने पर जब मामला पुलिस के पास पहुंचा, तो जांच में फर्जी प्रमाण पत्रों की पुष्टि हुई।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने सरकारी नौकरी की आयु सीमा से बचने के लिए अपनी वास्तविक जन्मतिथि 1 अप्रैल 1988 की जगह दस्तावेजों में 1 जनवरी 1995 दर्ज करवाई थी। आरोपी ने 2007 में इंटरमीडिएट पास करने के बाद 2012 में दोबारा हाईस्कूल और 2014 में इंटर की परीक्षा देकर नई जन्मतिथि दर्शाई थी।
सुरेंद्र कुमार वर्तमान में पिलखुआ (हापुड़) के एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है, जबकि उसकी पत्नी भी वहीं शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। आरोपी के पास से उत्तराखंड का फर्जी स्थायी निवासी प्रमाण पत्र भी बरामद हुआ है।
एसओजी प्रभारी निरीक्षक मुकेश त्यागी की रिपोर्ट पर आरोपी के खिलाफ थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में कहीं और लोग तो शामिल नहीं हैं।
🔹 मुख्य बिंदु:
यूपी के अभ्यर्थी ने तीन परीक्षा केंद्रों से किया आवेदन
उम्र निकलने पर फर्जी दस्तावेज बनाकर घटाई जन्मतिथि
आयोग ने संदिग्ध डेटा मिलने पर दी पुलिस को सूचना
फर्जी स्थायी निवासी प्रमाण पत्र भी मिला
आरोपी प्राइवेट स्कूल में शिक्षक, पत्नी भी शिक्षिका
देहरादून पुलिस का सख्त संदेश:
फर्जी दस्तावेजों के जरिए परीक्षा में प्रवेश की कोशिश करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। जांच एजेंसियां सभी संदिग्ध आवेदनों की पड़ताल कर रही हैं।