उत्तराखंड:  नगर पंचायत केलाखेड़ा के तत्कालीन रिश्वतखोर अधिशासी अधिकारी को 20 हजार का जुर्माना 3 साल की सजा, विजिलेंस ने रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार।

उत्तराखंड:  नगर पंचायत केलाखेड़ा के तत्कालीन रिश्वतखोर अधिशासी अधिकारी को 20 हजार का जुर्माना 3 साल की सजा, विजिलेंस ने रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार।

 

रुद्रपुर/हल्द्वानी। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का एक और उदाहरण सामने आया है। केलाखेड़ा नगर पंचायत के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी (ईओ) संजीव मेहरोत्रा को भ्रष्टाचार के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही उन्हें 20,000 रुपये का अर्थदंड भी भरना होगा।हालांकि, पीड़ित को न्याय के लिए 13 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा।

यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट, हल्द्वानी की विशेष पीठ ने की है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सविता चमोली की अदालत ने दोषी पाए गए संजीव मेहरोत्रा को एक साल का साधारण कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड के साथ ही अतिरिक्त 2 साल का कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।पीड़ित की शिकायत पर तत्कालीन नगर पंचायत अधिकारी को जाल बिछाकर विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था।

 

मामला साल 2012 का है, जब केलाखेड़ा निवासी सआदत हुसैन ने सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी में शिकायत दर्ज कराई थी।विजिलेंस के मुताबिक, शिकायतकर्ता के पास उधम सिंह नगर के केलाखेड़ा में एक बीघा 13 विस्वा जमीन थी. जिस पर निर्माण के लिए नगर पंचायत से अनुमति लेनी थी. बीती 26 अप्रैल 2012 को शिकायतकर्ता जब ईओ के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें बिना रिश्वत के कार्य स्वीकृत न करने की बात कही गई. इसके एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलते ही विजिलेंस ने ट्रैप टीम गठित की और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया।

वहीं, पीड़ित ने इसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी शिकायत मिलने पर सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक तिलक राम वर्मा के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच की. जांच में पाया गया कि ईओ संजीव मेहरोत्रा बार-बार पैसे की मांग कर रहा। इसके लिए वो शिकायतकर्ता पर दबाव डाल रहा था।

ऐसे में 26 मई 2012 को विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया। जिसके तहत ट्रैप टीम ने कार्रवाई करते हुए ईओ को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. वहीं, गिरफ्तारी के बाद मुकदमा दर्ज कर ईओ को कोर्ट में पेश किया गया. तब से मामला कोर्ट में चल रहा था। इस दौरान अभियोजन अधिकारी सुनीता भट्ट ने कोर्ट के समक्ष 7 गवाह पेश किए।

वहीं, सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर आरोपी को दोषी साबित किया. न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम/विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी सविता चमोली की अदालत ने संजीव मेहरोत्रा को एक साल का साधारण कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड के साथ ही 2 साल का कारावास और 10 हजार रुपए का अर्थदंड सुनाई है।

विजिलेंस के मुताबिक, मामला साल 2012 का है। शिकायतकर्ता सआदत हुसैन निवासी केलाखेड़ा ने सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी में शिकायत दी थी कि नगर पंचायत के ईओ संजीव मेहरोत्रा ने निर्माण कार्य कराने के बदले 20,000 की रिश्वत मांगी है. जिस पर ईओ संजीव मेहरोत्रा को गिरफ्तार किया गया था।

 

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