टनकपुर नगर पालिका में राजनीतिक भूचाल, पांच सभासदों ने महज 6 माह में सामूहिक दिया इस्तीफा, नगरपालिका प्रशासन पर लगाये तानाशाही के आरोप।
TANAKPUR MUNICIPALITY
टनकपुर नगर पालिका के पांच सभासदों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, लगाये गंभीर आरोप – सभासदों ने बीते 6 महीने से अपने वार्डों में काम ना होने के कारण इस्तीफा दिया है।
टनकपुर (चंपावत)। टनकपुर नगर पालिका से बड़ी खबर सामने आई है। यहां नगर पालिका के पांच सभासदों ने सामूहिक इस्तीफा देकर नगर पालिका प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाया है। इस्तीफे की खबर से पालिका प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
छह महीने से विकास कार्य ठप
नाराज सभासदों का कहना है कि बीते छह महीने से उनके वार्डों में कोई विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। उनके पत्रों की लगातार उपेक्षा की गई और नगर पालिका का वरिष्ठ सहायक हमेशा उल्टे जवाब देता रहा। चुने हुए प्रतिनिधि होने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
सभासदों ने लगाए गंभीर आरोप
सभा सदों ने नगर पालिका प्रशासन पर मनमानी और “हिटलरशाही” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हैं कि चुने हुए प्रतिनिधि भी खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं।नगर पालिका में अपने वार्डों में विकास कार्य न करा पाने, नगर पालिका प्रशासन व स्टाफ की अपेक्षा सहित तमाम आरोप लगाते भी पांचों सभासदों ने अपने इस्तीफे को ईओ के माध्यम से कुमाऊं कमिश्नर को भेजा। इस दौरान नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी भूपेंद्र प्रकाश जोशी ने नाराज सभासदों को मनाने की कोशिश की, लेकिन बीते 6 महीने से अपने वार्डों में काम ना करा पाने की नाराजगी के चलते सभासद फिलहाल अपने इस्तीफा पर अड़े रहे।
इस्तीफा देने वाले सभासद
वार्ड नंबर 4 से वकील अहमद
वार्ड नंबर 3 से दिलदार अली
वार्ड नंबर 7 से चर्चित शर्मा
वार्ड नंबर 8 से आशा भट्ट
वार्ड नंबर 9 से बबीता वर्मा
प्रशासन में मचा हड़कंप
इस्तीफा देने वाले सभासदों ने चुने हुए प्रतिनिधि होने के बावजूद भी नगर पालिका में उनकी सुनवाई ना होने पर इन पदों को ही समाप्त करने की मांग की।साथ ही नगर पालिका प्रशासन ,पालिका के वरिष्ट सहायक पर हिटलर साही का आरोप लगाया।फिलहाल नगर पालिका परिषद टनकपुर के पांच सभासदों द्वारा सामूहिक इस्तीफे के पत्र सौपें जाने से नगर पालिका में माहौल गरमाया हुआ है। अब नाराज सभासदों को मनाने की कवायद भी पालिका प्रशासन द्वारा शुरू हो चुकी है।जिसको लेकर ईओ प्रयास कर रहे हैं। नगर पालिका अध्यक्ष का इस सबके बावजूद नगर पालिका कार्यालय ना आना भी चर्चाओं में है।
इस सामूहिक इस्तीफे से नगर पालिका की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और अब देखना होगा कि प्रशासन नाराज सभासदों को मनाने में कितना सफल हो पाता है।