उत्तराखंड में कुदरत का कहर! उत्तरकाशी के बाद अब इस जिले में भी भारी बारिश ने मचाई तबाही, इधर मलबे में दबीं दो महिलाएं, उधर सैलाब में बहे पांच मजदूर।
उत्तराखंड में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तरकाशी के बाद अब पौड़ी गढ़वाल जिले में भी भारी बारिश ने तबाही मचाई है। पहाड़ी क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के कारण भूस्खलन, सड़कों का टूटना और जनहानि की घटनाएं सामने आ रही हैं।
Pauri Cloudburst उत्तराखंड में आपदा की दोहरी मार पड़ी है। उत्तरकाशी के बाद अब पौड़ी जिले के थलीसैण विकास खंड के ग्राम सारसों चौथान में बादल फटने की घटना हुई है। सड़क किनारे नेपाली मजदूरों के टेंट पर बादल फटने से 3-4 मजदूर मलबे में दब गए जिन्हें ग्रामीणों ने बचा लिया। कुछ लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
पौड़ी में दो अलग-अलग घटनाएं, जन-धन का भारी नुकसान
पौड़ी तहसील के बुरांसी गांव में भारी बारिश के चलते दो महिलाएं मलबे में दब गईं। प्रशासनिक टीम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जिसमें एक महिला का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि दूसरी महिला की तलाश अब भी जारी है।
वहीं, थैलीसैंण तहसील के बांकुड़ा गांव में एक और भयावह घटना सामने आई है। यहां नेपाली मूल के पांच मजदूर पानी के तेज बहाव में बह गए। सभी की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। इस हादसे में कुछ अन्य मजदूर घायल भी हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डीएम ने खुद संभाला मोर्चा, राहत-बचाव कार्य जारी
पौड़ी गढ़वाल की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि क्षेत्र में बीती रात से ही मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे कई सड़कें बंद हो गई हैं और गांवों में भूस्खलन और मकानों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायज़ा लिया और प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराने के निर्देश दिए।
डीएम के मुताबिक, पाबौ क्षेत्र में कलगाड़ी के पास नेशनल हाईवे पर पुल टूट गया है, जिसके लिए बैली ब्रिज मंगवाया जा रहा है ताकि आवागमन बहाल हो सके। साथ ही प्रभावित ग्रामीणों को आवश्यक राहत सामग्री और अस्थायी ठिकाने भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
राज्यभर में बिगड़े हालात, गंगा ने पार किया चेतावनी स्तर
राज्य के कई हिस्सों में रविवार रात से मौसम ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में भी मंगलवार को बादल फटने के कारण भारी तबाही हुई थी। यहां अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 15 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। लगातार बारिश और रास्ते बंद होने की वजह से रेस्क्यू टीमों को मौके पर पहुंचने में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
इधर हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे आपदा की आशंका और गहरी हो गई है।