डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल एकेडमी, छिनकी फार्म में हर्षोल्लास से मनाया गया हरेला पर्व, विद्यार्थियों ने दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश, पारंपरिक परिधानों में दिखी उत्तराखंडी संस्कृति की झलक।

खटीमा, छिनकी फार्म — उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और हरियाली के प्रतीक पर्व हरेला को डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल एकेडमी, छिनकी फार्म, खटीमा में बड़े उत्साह और सांस्कृतिक विविधताओं के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा विविध रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिनका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और लोक परंपराओं के प्रति जागरूकता फैलाना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत हरेला पूजन से हुई, जिसमें विद्यार्थियों ने सबके दीर्घायु, बल और साहस की कामना करते हुए प्रार्थना की। बच्चों ने पारंपरिक रिवाजों के अनुसार हरेला बोना और हरेला काटना सीखा, साथ ही झोड़ा-चांचरी गीतों पर नृत्य कर उत्तराखंडी लोकसंस्कृति की जीवंत प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर विद्यालय में चित्रकला, कविता और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति से जुड़ाव पर अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। पारंपरिक परिधान प्रतियोगिता ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए, जहां छात्र-छात्राएं उत्तराखंडी संस्कृति की विविधता को सजीव रूप में प्रस्तुत करते नजर आए।
विद्यालय के प्रबंध निदेशक धीरेंद्र चंद्र भट्ट ने सभी को पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हरेला केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि उत्तराखंड की जीवनशैली और प्रकृति से हमारे अटूट संबंध का प्रतीक है। यह पर्व हमें पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनने और अधिकाधिक वृक्षारोपण करने की प्रेरणा देता है।”
उन्होंने क्षेत्रवासियों और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे प्रकृति के संरक्षण को अपनी दैनिक आदतों में शामिल करें और इस पर्व की भावना को अपने जीवन में आत्मसात करें।

विद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती प्रेमा भट्ट, प्रधानाचार्य चंद्रकांत पनेरू, प्रशासनिक अधिकारी मनीष चंद, एकेडमिक डायरेक्टर विक्टर आईवन सहित हरीश भट्ट, सुरेश ओली, दिगम्बर भट्ट, अशोक जोशी, सुरेंद्र रावत, अन्य शिक्षकगण एवं समस्त विद्यालय परिवार ने भी विद्यार्थियों और क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं दीं।
डायनेस्टी परिवार ने इस अवसर पर देश की रक्षा में तैनात वीर जवानों को भी याद करते हुए उन्हें हरेला पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित कीं और उनके अदम्य साहस को नमन किया।
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa





