नानकमत्ता-अंतरराज्यीय गिरोह का हुआ पर्दाफाश, सोने का घड़ा दिखाकर लूट को अंजाम, डॉक्टर और वन कर्मी समेत 3 आरोपी गिरफ्तार, सनसनीखेज ठगी और लूट का मुरादाबाद से नानकमत्ता तक फैला है जाल,पढ़िये पूरा मामला।
नकली सोने से भरा घड़ा दिखाकर लूट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश।
नानकमत्ता पुलिस ने 03 शातिर अभियुक्तों को किया गिरफ्तार।
सनसनीखेज ठगी और लूट का मुरादाबाद से नानकमत्ता तक फैला है जाल
कुछ दिन पूर्व भी गैंग के अन्य सदस्य लूट के मामले में सितारगंज से भेजे गए हैं जेल।
नानकमत्ता( उधम सिंह नगर) नानकमत्ता पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए नकली सोने का घड़ा दिखाकर करोड़ों की लूट करने वाले तीन शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक बीएएमएस डॉक्टर और वन विभाग का एक संविदाकर्मी भी शामिल है।जो घटना के दौरान नकली पुलिसकर्मी बनकर लूट को अंजाम देता था।आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
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नकली सोने का घड़ा दिखाकर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को नानकमत्ता पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने 35 हजार रुपए भी बरामद किए हैं।पुलिस के मुताबिक, 19 जून को पीड़ित अमित रस्तोगी निवासी मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश ने कोतवाली मुरादाबाद में एक तहरीर दी।जिसे उधम सिंह नगर स्थानांतरित किया गया। तहरीर में पीड़ित अमित ने बताया कि मुरादाबाद की सुपर मार्केट में उसकी कंप्यूटर हार्डवेयर की किराए की दुकान है। और कोठीवाल नगर स्थित उनके मकान में विगत तीन वर्षों से रमेश चंद्र सिंह उर्फ मुन्ना सरदार का परिवार किराए पर रहता था।
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7 घड़ा सोना से दिया लालच: अमित ने पुलिस को बताया कि, मुन्ना सरदार और उसके साथियों ने उसे बताया कि उधम सिंह नगर के नानकमत्ता के पास एक स्थान पर लगभग 7 घड़ा सोना निकला है। उन्होंने दावा किया कि यह सोना उन्होंने सुनार से चेक करवाया और वह शुद्ध है। उन्होंने रस्तोगी को इस सोने में निवेश करने पर भारी मुनाफे का लालच दिया। क्योंकि सोने के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। चूंकि मुन्ना सरदार पीड़ित अमित का किरायेदार था। और उसकी गुरुनानक ज्वैलर्स नाम से मुरादाबाद में एक दुकान भी थी। इसलिए पीड़ित ने मुन्ना सरदार पर विश्वास कर लिया और पैसों का इंतजाम कर लिया।
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पीड़ित को जाल मं फंसाया: फरवरी माह में अमित और उसके साथी नानकमत्ता पहुंचे। जहां उनकी मुलाकात एक सरदार जी से हुई। जिसने अपना नाम राजू सरदार बताया। राजू सरदार उन्हें अपने घर कैथुलिया गांव ले गया और कहा कि वह अभी सोने का घड़ा लेकर आता है। उसी समय, अंधेरा हो गया और अचानक कुछ लोग, जिनमें से दो लोग पुलिस की वर्दी पहने हुए थे। उस घर के आंगन में घुस आए।उन्होंने अमित रस्तोगी के हाथ से पैसों से भरा बैग छीनने की कोशिश की।जब अमित ने विरोध किया, तो उन्होंने जान से मारने और वहीं दफना देने की धमकी दी।अमित ने बताया कि बैग में 2 लाख रुपए थे, जो लुटेरे लूटकर भाग गए।
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इस तरह सामने आया मामला: अमित और उसके साथी काफी डर गए और वे लोग पैसे लूटकर भाग गए।लगभग 2 माह पूर्व अमित ने सोशल मीडिया के माध्यम से देखा कि उधम सिंह नगर के सितारगंज क्षेत्र में भी इसी तरह की घटना हुई है। और पुलिस ने कई आरोपियों को पकड़ा भी है।और शिकायतकर्ता को पैसे वापस भी मिले हैं। इससे हिम्मत पाकर अमित ने रिपोर्ट दर्ज कराने का फैसला किया। ताकि इस घटना में शामिल सभी अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
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योजना बना रहे तीन आरोपी गिरफ्तार: मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने टीम का गठन किया। जांच के दौरान टीम को अहम सुराग हाथ लगे। इस दौरान मुखबिर द्वारा सूचना दी कि घटना को अंजाम देने वाले आरोपी बिडौरा मझौला क्षेत्र में राजू रस्तोगी नामक सुनार के घर के पास कोई नई योजना बनाने के लिए आए हैं। जो नकली सोने को असली बताकर ठगी में सहायता करता है। इस सूचना पर टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। तीनों अभियुक्तों से गहनता से पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपना नाम हरजिंदर उर्फ राजू निवासी ग्राम कैथुलिया, थाना नानकमत्ता, सर्वेश अग्रवाल निवासी बुद्ध बाजार, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश और करनैल सिंह निवासी ग्राम हरैया, थाना नानकमत्ता बताया।
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10 से 12 सदस्यों का गैंग: आरोपी हरजिंदर सिंह ने बताया कि वे एक संगठित गिरोह के रूप में काम करते हैं। जिसमें लगभग 10-12 सदस्य हैं। कुछ महीने पहले उनकी गैंग के कुछ सदस्यों ने थाना सितारगंज क्षेत्र में भी 70 लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया था। उसने खुलासा किया कि उसने यह ठगी की कला राजस्थान के कोटा क्षेत्र से सीखी है। उनकी कार्यप्रणाली यह है कि वे सीधे-साधे लोगों को नकली सोने का घड़ा दिखाते हैं। फिर उस सोने को अपने साथी सुनार राजू रस्तोगी से चेक करवाते हैं। जो उसे ‘सही’ बताता है। जब पीड़ित को विश्वास हो जाता है, तो वे उसे पैसे लेकर अपने घर या अपने परिचित के घर बुलाते हैं। वहां उनकी गैंग के कुछ लोग पुलिस या वन विभाग की वर्दी पहनकर मौजूद रहते हैं और कुछ महिलाएं भी उनकी सहायता करती हैं सभी मिलकर पीड़ित से पैसे लूट लेते हैं।
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एक डॉक्टर और वन कर्मी शामिल: पुलिस पूछताछ में आरोपी सर्वेश अग्रवाल ने बताया कि वह बीएएमएस डॉक्टर है। जबकि दूसरा आरोपी करनैल सिंह वन विभाग में संविदा कर्मी है। वन विभाग की वर्दी पहनकर वह खुद को पुलिसकर्मी बता कर लूट की वारदात को अंजाम देते थे।
नानकमत्ता थाना एसओ उमेश कुमार ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। कई नाम और प्रकाश में आए हैं। मामले की जांच की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। पीड़ित के किरायेदार मुन्ना सरदार की संदिग्धता की जांच की जा रही है।
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