बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में 32 महीने बाद तीनों आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई कठोर आजीवन कारावास की सजा, माता पिता सजा से नाखुश, यहां पढ़ें किस धारा में कितनी सजा व जुर्माना?

बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में 32 महीने बाद तीनों आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई कठोर आजीवन कारावास की सजा, माता पिता सजा से नाखुश, यहां पढ़ें किस धारा में कितनी सजा व जुर्माना?

Uttarakhand Ankita Murder Case Verdict: 18 सितंबर, 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। घटना के एक सप्ताह बाद चीला नहर से शव बरामद हुआ था। आज कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया।

कोटद्वार। प्रदेश के बहुचर्चित वनंतरा प्रकरण में शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुना दिया है।कोर्ट ने तीनों आरोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। इन पर 302, 201, 354, धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है। वहीं, कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में पुलकित आर्य पर 72 हजार और अंकित गुप्ता व सौरभ भाष्कर को 62-62 हजार रूपए का अर्थदंड लगाया गया है। साथ ही प्रदेश सरकार को अंकिता भंडारी के माता-पिता को चार लाख रूपए प्रतिकर देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि माता-पिता ने उत्तराखंड सरकार से अंतरिम राशि पूर्व में प्राप्त कर ली हो तो वह प्रतिकर राशि में समायोजित हो जाएगी।

बताते चलें कि 28 अगस्त 2022 को जनपद पौड़ी के अंतर्गत ग्राम डोभ-श्रीकोट निवासी 19-वर्षीय एक युवती ने यमकेश्वर तहसील के अंतर्गत लक्ष्मणझूला स्थित वनंतरा रिसोर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट कार्य शुरू किया। 18 सितंबर 2022 को वह संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई।

लापता हो गई थी अंकिता
20 सितंबर को रिसोर्ट स्वामी पुलकित आर्य की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर उदयपुर पल्ला पटवारी चौकी में युवती की गुमशुदगी दर्ज करवा दी। इधर, जैसे ही माता-पिता को अपनी पुत्री के गायब होने की जानकारी मिली, माता-पिता भी उदयपुर पल्ला पटवारी चौकी में पहुंचे, जहां उन्होंने रिसोर्ट मैनेजर पर उनकी पुत्री को गायब करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। राजस्व उपनिरीक्षक ने इस मामले को भी दर्ज कर दिया।

इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी ने यह मामला नियमित पुलिस को हस्तांतरित कर दिया। रेगुलर पुलिस के पास मामला पहुंचते ही 22 सितंबर को ही पुलिस ने रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर व सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को गिरफ्तार कर दिया। उनके खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दिया।

तीनों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपितों ने युवती के चीला नहर में गिरने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने नहर में युवती की तलाश शुरू कर दी। 24 सितंबर को युवती का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया। इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए 24 सितंबर को ही डीआईजी के नेतृत्व में मामले की जांच को एसआईटी का गठन कर दिया गया।

एसआईटी ने 16 दिसंबर 2022 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिए। 18 मार्च 2023 को न्यायालय ने एसआईटी की ओर से दिए गए आरोप पत्र में तीनों आरोपितों पर हत्या (धारा 302), अपराध के साक्ष्य गायब करना (धारा 201) व अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम (5(1)बी) के तहत आरोप तय कर दिए। जबकि धारा 120-बी को हटा दिया। पुलकित आर्य पर 354-ए धारा प्रभावी रही।
28 मार्च 2023 से मामले में सीजन ट्रायल शुरू हुआ। सीजन ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाह प्रस्तुत किए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से चार गवाह प्रस्तुत हुए। न्यायालय ने 88 सुनवाईयों के बाद आज शुक्रवार को मामले में फैसला सुना दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता व विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी, अभियोजन अधिकारी राजीव डोभाल व अधिवक्ता अमृतांशु बड़थ्वाल ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने मामले में तीनों आरोपितों को दोषी पाया। बताया कि तीनों आरोपितों को हत्या के मामले में आजीवन कारावास सुनाया गया है। साथ ही अलग-अलग धाराओं में सजा व अर्थदंड की सजा सुनाई है।

उधर, न्यायालय का फैसला आने से ऐन पहले भीड़ ने पुलिस प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़कर न्यायालय की ओर बढ़ने की भीड़ की कोशिश की। पुलिस पूरी ताकत से लोगों को अंदर जाने से रोकने का प्रयास कर रही है।

अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थीं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।

बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया।

 

यह हुई हैं सजाएं
पुलकित आर्य को धारा 302 (हत्या) में कठोर आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 (साक्ष्य छिपाने) के मामले में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए का अर्थदंड, 354ए (यौन उत्पीड़न) में दो वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए जुर्माना और 5(1)(घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

सौरभ भास्कर को धारा 302 (हत्या) में कठोर आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 (साक्ष्य छिपाने) के मामले में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए का अर्थदंड और 5(1)(घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को धारा 302 (हत्या) में कठोर आजीवन कारावास व पचास हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 (साक्ष्य छिपाने) के मामले में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दस हजार रूपए का अर्थदंड और 5(1)(घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में पांच वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। तीनों आरोपितों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

कोर्ट के फैसले से खुश नहीं अंकिता के माता-पिता
आरोपियों को उम्रकैद की सजा के फैसले से अंकिता के माता पिता खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने हमारी बेटी को मौत दी उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने हमारा घर बरबाद कर दिया। हम चाहते थे कि हमारे जिंदा रहते इन हत्यारों को मौत की सजा मिले। हम इसके लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

अदालत परिसर के चारों ओर व्यापक सुरक्षा प्रबंध
कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध करने के लिए पौड़ी जिले के साथ ही देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी जनपदों से बड़ी संख्या में पुलिस बल, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।

अदालत परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं है। पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कई दौर की बैठक और मॉक ड्रिल की जाती रही। लत परिसर छावनी में तब्दील हो जाएगा। वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था पर निगाह बनाए रखेंगे।

कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू, चार मजिस्ट्रेट तैनात
अदालत के फैसले को देखते हुए एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। जिला प्रशासन ने कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है। कोई भी व्यक्ति समूह में अदालत के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही नारेबाजी, धरना प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

कब क्या हुआ
रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।
हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।
24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।
24 सितंबर को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
24 सितंबर एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।
26 सितंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।
विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ दी गईं।
16 दिसंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।
30 मई 2025 को आया फैसला।

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