बदरीनाथ मंदिर के खुले कपाट, बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु, मुख्यमंत्री धामी ने भी की पूजा-अर्चना अंखड ज्योति के दर्शन,पावन पल के साक्षी बने 10 हजार श्रद्धालु,बद्रीश पुरी नारायण के जयकारों से हुआ गुंजायमान।

बदरीनाथ मंदिर के खुले कपाट, बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु, मुख्यमंत्री धामी ने भी की पूजा-अर्चना अंखड ज्योति के दर्शन,पावन पल के साक्षी बने 10 हजार श्रद्धालु,बद्रीश पुरी नारायण के जयकारों से हुआ गुंजायमान।

*LIVE: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर दर्शन-पूजन*

Chardham Yatra 2025:Badrinath Dham बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के बाद आज श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। उद्धव जी कुबेर जी और शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ देवभारा यात्रा शनिवार को धाम पहुंची। रावल अमरनाथ नंबूदरी ने पूजा-अर्चना की। गढ़वाल स्काउट की धुनों और जयकारों के साथ कपाट खुल गए। सीएम ने यहां पूजाा की। बद्री विशाल को शीतकाल में ओढ़ाई घृत कंबल का प्रसाद बांटा गया।

कपाटोद्धघाटन के लिए बदरीनाथ मंदिर को 40 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है।देर शाम तक भी मंदिर के सिंहद्वार के शीर्ष भाग पर फूलों की सजावट का काम जारी रहा।कपाट खुलने के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश विदेश से पहुंचे हैं।

बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह छह बजे रवि पुष्य लग्न में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। कपाट खुलते ही धाम जय बदरी विशाल के जयकारों की गूंज से गूंज उठा। वहीं, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई। बदरीनाथ के कपाट खुलने पर यहां छह माह से जल रही अखंड ज्योति के दर्शन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी समेत देश विदेश के श्रद्धालु श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंचे। धाम में 10,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं।

शनिवार को शीतकाल में छह माह कपाट बंदी के दौरान पांडुकेश्वर योगध्यान बद्री मंदिर में स्थित भगवान बदरी विशाल के बदरीश पंचायत के मुख्य देवता उद्धव जी व कुबेर जी, गरुड़ उत्सव डोली, शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ रावल अमरनाथ नंबूदरी की अगुवाई में सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ देवभारा यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंची।

सीएम धामी श्रीबदरीनाथ में दर्शन के लिए पहुंचे।
हनुमान चट्टी में हनुमान जी की पूजा अर्चना
शनिवार सुबह योगध्यान ब्रदी मंदिर में रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा पूजा अर्चना के बाद विधि विधान के साथ देवभारा यात्रा सुबह 10 बजे पांडुकेश्वर शीतकालीन स्थल से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई। देवभारा यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचने से पूर्व रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा हनुमान चट्टी में हनुमान जी की पूजा अर्चना की।

देवदर्शनी से देवभारा यात्रा बदरीनाथ मंदिर के लिए बामणी गांव पहुंची। रावल अमरनाथ नंबदूरी ने भगवान नारायण की जन्मस्थली लीलाढुंंगी में पौराणिक विधि विधानों के अनुसार पूजा अर्चना के उपरांत देवभारा यात्रा पुराने बाजार से होते हुए बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार पर पहुंची।मंदिर परिसर पहुंचते ही श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के जयकारे के साथ देवभारा यात्रा का स्‍वागत किया। जिससे पूरी बद्रीश पुरी नारायण के जयकारों से गुंजायमान किया।

अंखड ज्योति के भी दर्शन
इस दौरान गढ़वाल स्काउट के जवानों द्वारा बैंडों ने ‘जय बदरी ,जय केदार’ की मुधर मय धुनों के साथ बदरीशुपरी को भक्ति के रंग में रंग दिया। सिंहद्वार पर माथा टेकने के बाद उद्धव जी को रावल बदरीनाथ के निवास स्थित पूजा स्थल में रखा गया। जबकि देवताओं के खंजाची कुबेर जी को रात्रि विश्राम के लिए बामणी गांव मां नंदा देवी के मंदिर में विराजित किया गया।

पॉलीथिन मुक्त होगी बदरीनाथ धाम की यात्रा
चमोली जिला प्रशासन ने इस वर्ष बदरीनाथ की तीर्थयात्रा को पॉलीथिन मुक्त रखने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने धाम और यात्रा पड़ावों पर स्थित होटल व ढाबा संचालकों को पॉलीथिन का उपयोग कम से कम करने का आग्रह किया है।

उन्होंने प्रतिष्ठानों को साफ-सुथरा करने के लिए कहा है। कर्णप्रयााग, गौचर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, ज्योतिर्मठ, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर के होटलों के संचालकों को अनिवार्य रूप से रेट लिस्ट चस्पा करने और फायर सिलिंडर रखने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ में तीर्थयात्रीयों और श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और तीर्थयात्रियों से यात्रा व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सकुशल चारधाम यात्रा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत बेहतर व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किया गया है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया हरित और स्वच्छ चारधाम यात्रा के लिए राज्य को पूरा सहयोग दें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के कार्यों की विस्तृत जानकारी लेते हुए मंदिर के समीप हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। उन्होंने जिलाधिकारी को मास्टर प्लान के कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को यात्री सुविधा और सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी से श्री हेमकुंड साहिब यात्रा तैयारियों की जानकारी लेते हुए यात्री सुविधाओं को शीघ्र व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गोविंदघाट में अलकनंदा नदी में निर्माणाधीन पुल के निर्माण कार्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी को पुल के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा से पूर्व पुल का निर्माण गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के आदेश दिए।

इस दौरान राज्य सभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज,विधायक  किशोर उपाध्याय, लखपत बुट्टोला , बीकेटीसी के नवनियुक्त उपाध्यक्ष विजय कपरवाण व ऋषि प्रसाद सती, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल आदि मौजूद थे।

ये होती है परंपरा

गर्भगृह में जैसे ही रावल जी प्रवेश कराया जाता है, उसके बाद गर्भगृह में नारायण के साथ शीतकाल में निवास कर रही मां महालक्ष्मी को रावल द्वारा परिक्रमा स्थित महालक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना के साथ यथा स्थान विराजमान किया जाता है। इसके साथ् उद्धव जी व कुबेर गली से कुबेर जी को हकहकूकधारियों द्वारा मंदिर के अंदर प्रवेश कराया जाता है।

यहां रावल द्वारा उद्धव जी एवं कुबेर जी को बदरीश पंचायत में उनके स्थानों पर विराजित करने के बाद इस साल की सबसे प्रथम पूजा अभिषेक एवं महाभिषेक पूजाएं प्रारंभ की जाती है। कपाट खुलने पर प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को भगवान बद्री विशाल को शीतकाल में ओढ़ाई गई घृत कंबल को निकालकर श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद के रुप में वितरित किया जाता है। जिसके बाद भगवान का श्रृंगार स्वर्ण आभूषणों के साथ किया जाता है।

ये था कार्यक्रम
सुबह चार बजे मंदिर समिति अधिकारी कर्मचारी मंदिर परिक्रमा में उपस्थित हुए
सुबह साढ़े चार बजे श्री कुबेर जी दक्षिण द्वार से मंदिर परिक्रमा में प्रवेश कराया
पांच बजे सुबह विशिष्ट अतिथि गण तथा रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी, हक-हकूकधारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि मंदिर परिक्रमा में पहुंचे।
सुबह साढ़े पांच बजे से द्वार पूजन शुरू हुआ
सुबह ठीक छह बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ के लिए खोल दिए गए।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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