सेना मेंलेफ्टिनेंट बनकर पहली बार ससुराल पहुंचीं सोनी भंडारी,पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारी व ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत,शादी के महज 34 दिन बाद ही खोया था आर्मी जवान पति –
दो वर्ष पूर्व शादी के 34 दिन बाद ही सड़क हादसे में 18 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान नीरज भंडारी के निधन के बाद उनकी पत्नी सोनी भंडारी ने सेना में जाकर देश सेवा के लिए कमीशन प्राप्त किया। इंडियन आर्मी ऑर्डिनेंस में लेफ्टिनेंट बनकर घर पहुंची। स्वागत में उमड़ा पूरा इलाका।
खटीमा ( उधम सिंह नगर) : सीमान्त क्षेत्र खटीमा के भुड़ा किशनी गांव के लोग उस वक्त बेहद गौरवान्वित हुए, जब गांव की बहू सोनी बिष्ट सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पहली बार अपनी ससुराल पहुंचीं. अपनी शादी के मात्र 34 दिन बाद अपने पति को सड़क हादसे की वजह से खोने वाली सोनी प्रतिष्ठित सीडीएस परीक्षा को पास कर सेना में लेफ्टिनेंट बनीं हैं। सोनी के पति नीरज भंडारी 18 कुमाऊं रेजिमेंट में जवान थे। अब सोनी आर्मी अफसर बनकर अपनी ससुराल पहुंचीं तो ससुराल पक्ष और ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया।
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शादी के 34 दिन बाद ही सोनी खोया पति: बता दें कि 2 दिसंबर 2022 को हल्द्वानी की सोनी बिष्ट खटीमा के भुड़ा किशनी निवासी कुमाऊं रेजिमेंट के जवान नीरज भंडारी के साथ परिणय सूत्र में बंधी थीं, लेकिन सोनी के जीवन में शादी के मात्र 34 दिन बाद ही वो भूचाल आया, जिसकी कोई भी बिटिया कल्पना नहीं कर सकती। नीरज भंडारी छुट्टी पर आए थे। इसी दौरान खटीमा से घर लौटते समय सड़क हादसे में लोहियापुल के पास ट्रैक्टर-ट्राली की टक्कर से उनका निधन हो गया। पति के निधन के बाद उनकी पत्नी सोनी ने सेना में जाकर देश सेवा करने की ठानी।
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पहाड़ जैसे दुखों को हराकर सेना में लेफ्टिनेंट बनीं सोनी: शादी के मात्र 34 दिन बाद अपने पति को खोने वाली वीर नारी सोनी बिष्ट भंडारी आज एक बार फिर चर्चा में आई हैं।चर्चा में आने का कारण है सोनी का अपने पहाड़ जैसे दुखों को हराकर सेना में लेफ्टिनेंट बनना।फिर पहली बार अपनी ससुराल खटीमा के भुड़ा किशनी पहुंची।
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अफसर बिटिया के स्वागत में उमड़ा पूरा इलाका: प्रतिष्ठित सीडीएस परीक्षा पास कर आर्मी अफसर बनकर पहली बार अपनी ससुराल पहुंचीं सोनी का ससुराल पक्ष ने ऐसा खैरमकदम किया कि पूरा इलाका इस अफसर बिटिया के स्वागत को उमड़ पड़ा. कुमाऊं के प्रसिद्ध छोलियारों ने कुमाऊंनी वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि, आतिशबाजी और फूलों की बारिश कर सोनी का स्वागत किया।
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पति को खोने के 6 महीने बाद ही दी सीडीएस की परीक्षा: लेफ्टिनेंट सोनी का स्वागत उनके ससुर गोविंद सिंह भंडारी, सास रामा देवी समेत उनके परिजनों और ग्रामीणों ने दिल खोल कर किया. सोनी बिष्ट ने अपने पति को खोने के 6 महीने बाद ही सीडीएस की परीक्षा दी. जिसको पास कर सोनी ने चेन्नई में ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी में ओटीए पास पर महिला दिवस पर सैन्य अफसर बनने का गौरव हासिल किया।
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आर्मी ऑर्डिनेंस कॉप्स में हुई है सोनी की पोस्टिंग: सोनी की पहली पोस्टिंग आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स में हुई है. सोनी के पिता हाल निवासी हल्द्वानी मूल बागेश्वर निवासी रिटायर्ड सूबेदार कुंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि दामाद की मौत के बाद सोनी को सदमे से बाहर निकालने में उनकी माता मालती देवी की अहम भूमिका रही. उन्होंने अपनी यूनिट अफसरों और कुमाऊं रेजिमेंट से जानकारी लेकर सोनी को सेना वीर नारी एंट्री के तहत जाने के लिए प्रेरित किया।
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सोनी के भाई राहुल ने अपनी बहन को सेना में जाने के लिए काफी प्रेरित किया. इसके साथ ही सोनी के ससुर गोविंद सिंह भंडारी और सास रामा देवी ने उनकी बेटी का कदम-कदम पर साथ दिया. उसे आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग किया. जिसकी बदौलत सोनी ने अपनी पति के निधन के मात्र 6 महीने में सीडीएस की परीक्षा में प्रतिभाग कर पास भी कर लिया।
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चेन्नई में ली 11 महीने की ट्रेनिंग: सीडीएस परीक्षा पास करने के बाद चेन्नई में 11 महीने की ट्रेनिंग ली. फिर पासिंग ऑफ परेड के बाद सेना का लेफ्टिनेंट के रूप में हिस्सा बन सभी को गौरवान्वित किया है. सोनी इस उपलब्धि में अपने माता-पिता, ससुराल पक्ष, अपने मेंटर और अपनी दिवंगत पति नीरज भंडारी के भावनात्मक साथ को अहम मानती हैं।सोनी अन्य महिलाओं को भी इस तरह की परिस्थितियों में जल्द से जल्द बाहर निकलकर आगे बढ़ने की सलाह देती हैं।बुधवार को सोनी ने इंडियन आर्मी ऑर्डिनेंस में लेफ्टिनेंट पद पर शपथ ग्रहण की।
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वह पहली बार छुट्टी लेकर घर पहुंची,सोनी का लेफ्टिनेंट बनने के बाद खटीमा पहुंचने पर भूतपूर्व सैनिक संगठन अध्यक्ष रिटायर्ड कैप्टन गंभीर सिंह धामी और ग्रामवासियों और पूर्व सैनिक संगठन ने उनके माता-पिता और सास-ससुर के साथ उनका माल्यार्पण व शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।साथ ही खटीमा की बहू और बेटी लेफ्टिनेंट सोनी बिष्ट को हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बताकर उन्हें शुभकामनाएं दी।
इस दौरान सोनी भंडारी के ससुर गोविंद सिंह, सास रामा देवी, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन गंभीर सिंह धामी, नारायण सिंह सौन, खड़क चंद, सूबेदार धन सिंह सामंत, हिरेंद्र भट्ट, दिवान कन्याल, हवलदार आनंद सिंह सामंत, प्रकाश मलड़ा, शमशेर सिंह आदि मौजूद थे।
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23 साल की उम्र में हजारों महिला के लिए बनीं प्रेरणा: किसी महिला के मात्र 23 साल की उम्र में विवाह के मात्र 34 दिन बाद अपने पति को खोना और उस असीम दुख से उभर कर भारतीय सेना में अफसर बनना, उन हजारों महिला के लिए प्रेरणादायक है, जो इन परिस्थितियों में अक्सर टूट जाती हैं. खटीमा की बहू सोनी ने छोटी सी उम्र में विधवा बनने के दर्द से उभरकर आर्मी जवान अपने दिवंगत पति की वर्दी को एक बार फिर लेफ्टिनेंट बनकर मिसाल कायम की है।
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सोनी भंडारी उन हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं, जो अपने जीवन में इस तरह की दुखद घटनाओं के बाद टूट जाती हैं. नारी शक्ति की क्षमताओं को प्रदर्शित कर सेना में अफसर बनीं सोनी का पूरा खटीमा क्षेत्र मुरीद हो गया है. वहीं, सोनी हजारों महिलाओं की प्रेरणा बनीं हैं।सोनी भंडारी ने इस बात को भी साबित कर दिया है कि महिला वो शक्ति स्वरूपा होती है, जो किसी भी परिस्थिति से लड़ अक्सर इतिहास लिखने का मादा रखती है. लेफ्टिनेंट सोनी भी उन आयरन महिलाओं में एक है. जो तमाम विपरीत परिस्थितियों को पार कर सैन्य अफसर बनकर फलक पर छाई है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa