उत्तराखंड में सस्ते डॉलर बेचने का लालच देकर कारोबारी से 20 हजार डॉलर और पांच लाख की डकैती, तीन पुलिस कर्मियों समेत सात को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
उत्तराखंड में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां तीन पुलिस कर्मियों समेत सात लोगों ने एक व्यक्ति से 20 हजार डॉलर और पांच लाख रुपये की डकैती की। सस्ती दरों पर डॉलर और रुपये की अदलाबदली का झांसा देकर की गई इस डकैती का खुलासा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुआ। पुलिस ने सभी सातों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
सस्ती दरों पर डॉलर और रुपये की अदलाबदली का झांसा देकर आइआरबी के दो जवान और पुलिस के एक सिपाही सहित सात लोगों ने एक व्यक्ति से 20 हजार डॉलर और पांच लाख रुपये डकैती कर दी।
ऋषिकेश के रहने वाले यशपाल सिंह असवाल ने रविवार को प्रेमनगर थाने में शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि उनकी मुलाकात कुंदन नेगी नामक व्यक्ति से हुई थी। इसके बाद ही डकैती का खेल शुरू हुआ। सस्ते डॉलर बेचने का लालच देकर कारोबारी से डकैती के आरोप में पुलिस ने दो और आरोपियों को रुड़की से गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस तीन सिपाहियों समेत सात लोगों को रविवार रात को गिरफ्तार कर चुकी है।
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आरोपियों ने कारोबारी से साढ़े सात लाख रुपये भरा बैग लूटा था, जिसमें से ढाई लाख रुपये उन्हें वापस कर दिए थे। रविवार को पकड़े गए सातों आरोपियों को पुलिस ने सोमवार को न्यायालय में पेश किया। अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच हुई बहस के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इन सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। बाकी दोनों आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ऋषिकेश के रहने वाले यशपाल सिंह असवाल ने रविवार को प्रेमनगर थाने में शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि उनकी मुलाकात कुंदन नेगी नामक व्यक्ति से हुई थी। कुंदन ने उन्हें बताया था कि उसके परिचित राजेश रावत, राजेश चौहान और राजकुमार चौहान के पास 20 हजार अमेरिकन डॉलर हैं। वे इन डॉलर को सस्ते दामों पर भारतीय रुपये में बदलवाना चाहते हैं। यशपाल कुंदन की बातों में आ गए और उससे सौदा आठ लाख रुपये में तय कर लिया।
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यशपाल सिंह गत 31 जनवरी को साढ़े सात लाख रुपये लेकर देहरादून के झाझरा स्थित हनुमान मंदिर के पास पहुंचे। वहां राजेश रावत, राजेश चौहान, राजकुमार चौहान और हसीन उर्फ अन्ना नामक व्यक्तियों से उनकी मुलाकात हुई। सौदे के दौरान अचानक दो लोग वहां पहुंचे, जिनमें से एक पुलिस वर्दी में था और दूसरा सादे कपड़ों में। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए असवाल को धमकाया और जबरन उसका पैसों से भरा बैग छीन लिया।
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बाद में, उन्होंने पीड़ित को ढाई लाख रुपये वापस दिए और बाकी रकम लेकर भाग गए। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। इस दौरान रविवार शाम को आईआरबी द्वितीय के सिपाही अब्दुल रहमान (गांव जलालपुर, रुड़की), सिपाही सालम (निवासी गांव डोबरी, सहसपुर), प्रेमनगर थाने के सिपाही इकरार (निवासी नैहनपुर लक्सर), उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के गांव जोताड़ी निवासी राजकुमार, मकूड़ी के रहने वाले राजेश रावत, चमोली के नंदा नगर क्षेत्र के गांव सुतो निवासी कुंदन सिंह और शिमला हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू के कंडा निवासी राजेश कुमार चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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इसी क्रम में पुलिस ने सोमवार को रुड़की के टोडा कल्याणपुर के गांव जलालपुर के रहने वाले हसीन उर्फ अन्ना और जगदीशपुर, कनखल के रहने वाले प्रेम मोहन को भी गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आरोपित पुलिस कर्मियों की पहचान आइआरबी द्वितीय झाझरा प्रेमनगर में तैनात जलालपुर पोस्ट टोडा कल्याणपुर थाना रुड़की हरिद्वार निवासी अब्दुल रहमान, डोबरी थाना-सहसपुर निवासी सालम, थाना प्रेमनगर में तैनात नैहनपुर लक्सर हरिद्वार निवासी इकरार के रूप में हुई।
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कोर्ट में अभियोजन ने दिए मजबूत तर्क
पुलिस ने तीनों सिपाहियों अब्दुल रहमान, सालम, इकरार और अन्य चार आरोपी राजेश रावत, कुंदन सिंह, राजेश कुमार चौहान, राजकुमार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया। यहां बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं सौरभ दुसेजा और अधिवक्ता गयूर ने न्यायिक अभिरक्षा का विरोध करते हुए कई तर्क दिए। उन्होंने पुलिस कार्रवाई और तरीकों पर सवाल भी उठाए। इनके विरोध में अभियोजन की ओर से मजबूत तर्क दिए गए। इनके आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa