नैनीताल में साल की पहली बर्फबारी, औली की हसीन वादियां फिर बर्फ से सराबोर,सफेद चादर में लिपटीं वादियों का दिखा मनमोहक नजारा, भारी बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने किया उत्तराखंड का रुख ,तस्वीरें।
प्रदेश में नए साल से अब तक बारिश बर्फबारी न होने से सूखी ठंड लोगों को परेशान कर रही थी। लेकिन आज बारिश ने पहाड़ से मैदान तक ठंड में इजाफा कर दिया है।
कुमाऊं के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रविवार को बर्फबारी हुई। नैनीताल में इस वर्ष का पहला और सर्द मौसम का दूसरा हिमपात हुआ। द्वाराहाट, जागेश्वर और मुनस्यारी में भी बर्फबारी का आनंद लेने को सैलानियों की भीड़ उमड़ी रही।
चीन और नेपाल सीमा पर गुंजी, कालापानी में रात के समय तापमान माइनस 25 डिग्री तक पहुंच रहा है। यहां शरीर को जमा देने वाली ठंड के बावजूद जवान पूरी मुश्तैदी के साथ डटे हुए हैं। रात से ही नैनीताल का मौसम बदलने लगा था। सुबह ऊंचाई वाले क्षेत्र में क्षेत्र में हिमपात हुआ।
यहां चाइना पीक, स्नोव्यू, बिरला, सात नंबर आदि क्षेत्रों में हिमपात हुआ। जबकि नगर के निचले हिस्सों व मालरोड में अभी हिमपात नहीं हुआ है। उधर, कपकोट की पिंडर घाटी के गांवों में मौसम की पहली बर्फबारी के बाद प्राकृतिक सौंदर्य निखर गया है।
जिला मुख्यालय और कपकोट के लोग बर्फबारी का आनंद लेने के लिए धूर और विनायक पहुंचे। बच्चों और युवाओं के साथ बुजुर्गों ने भी बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया।वहीं, सुबह मुक्तेश्वर, धानाचूली, पहाड़पानी, रामगढ़, कसियालेख, मनाघेर, चोरलेख क्षेत्र की पहाड़ियां और खेत बर्फ के सफेद चादरों से घिरे नजर आए।
सुबह सात बजे बर्फबारी से मनाघेर के पास धानाचूली-पहाड़पानी मोटर मार्ग में आवाजाही ठप हो गई। सड़क पर बर्फ के जमा होने से ढाई घंटे तक सड़क पर यातायात बंद रहा। इससे वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
करीब तीन बजे औली में बर्फबारी शुरू हुई और देर शाम तक बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। वीकेंड होने के कारण औली में अधिक संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं।
औली की हसीन वादियां फिर बर्फ से लकदक हो गई हैं। रविवार को औली में जमकर बर्फबारी हुई तो यहां पहुंचे पर्यटकों ने बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया। हालांकि बर्फ से सड़क बंद होने से पर्यटकों को आने जाने में परेशानी भी उठानी पड़ी।
चमोली जिले में रविवार को अपराह्न करीब तीन बजे औली में बर्फबारी शुरू हुई और देर शाम तक बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। वीकेंड होने के कारण औली में अधिक संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं। वहीं ज्योतिर्मठ-औली रोड टीवी टावर से आगे बर्फ से बंद हो गई है।
पर्यटकों के वाहन जगह-जगह फिसल रहे हैं। ऐसे में पर्यटकों ने अपने वाहन नीचे खड़े किए और स्थानीय वाहनों से औली पहुंचे। गाजियाबाद से औली आई सोनिया व खुशी का कहना है कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा।बर्फबारी देखने का मौका मिला है लेकिन सड़क पर बर्फ पड़ने से वाहन चलाने में दिक्कत आ रही है। वहीं निचले इलाकों में हल्की बारिश होने से ठंड बढ़ गई है। अपराह्न करीब तीन बजे गोपेश्वर व आसपास के इलाकों में बारिश शुरू हुई।
सुबह सात बजे बर्फबारी से मनाघेर के पास धानाचूली-पहाड़पानी मोटर मार्ग में आवाजाही ठप हो गई। सड़क पर बर्फ के जमा होने से ढाई घंटे तक सड़क पर यातायात बंद रहा। इससे वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बुरांशखंडा में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। स्थानीय लोगों और सैलानियों के चेहरे खिल गए। चकराता के ऊंचाई वाले इलाकों में सीजन की चौथी बर्फबारी हुई।
रविवार को मसूरी और चकराता में बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने पर्यटन स्थलों का रुख करना शुरू कर दिया। मसूरी में बारिश के साथ बर्फ के हल्के फाहे पड़ने से ठंड बढ़ गई। धनोल्टी और बुरांशखंडा में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। स्थानीय लोगों और सैलानियों के चेहरे खिल गए। उधर, मौसम खराब होने से बुरांशखंडा में दस घंटे बिजली गुल रही।
वहीं, चकराता के ऊंचाई वाले इलाकों में सीजन की चौथी बर्फबारी हुई। इस दौरान क्षेत्र में मौजूद पर्यटकों ने आसमान से गिर रही बर्फ की फुहारों का खूब लुत्फ उठाया। उधर बर्फबारी की खबर के साथ ही आसपास के शहरों व राज्यों से भारी संख्या में पर्यटकों का चकराता पहुंचना शुरू हो गया है।
धनोल्टी में बर्फबारी के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। धनोल्टी निवासी कुलदीप नेगी ने बताया कि बर्फबारी के बाद धनोल्टी क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है, लेकिन बर्फबारी पर्यटन के साथ ही किसानों के लिए अच्छी है।
चकराता के ऊंचाई वाले क्षेत्र लौहारी, लोखंडी, आसमाड़, देवबन, दुरानी, कावतालानी, कशमोई डांडा, मोईला टॉप आदि पहाड़ियों पर सीजन की चौथी बर्फबारी हुई।
पिछले दो दिनों से लगातार मौसम खराब होने व बूंदा-बांदी की स्थिति को देखते हुए आसपास के निवासियों को इस बात का पूरा आभास था कि चकराता में किसी भी समय बर्फबारी हो सकती है। इस कारण ऊंचाई वाले तमाम इलाकों में पहले से ही पर्यटक मौजूद थे।
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa