नैनीताल-उत्तराखंड में निकाय और पंचायत चुनाव में 3 बच्चे वाले उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब।

नैनीताल-उत्तराखंड में निकाय और पंचायत चुनाव में 3 बच्चे वाले उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब।

 

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से  प्रदेश के निकाय व पंचायत चुनाव में तीन से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग नियम होने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को छह सप्ताह के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

 

नैनीताल: उत्तराखंड के निकाय और पंचायत चुनाव में 3 से ज्यादा बच्चों वाले उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग नियमों को चुनौती देती याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने सरकार से 6 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। अब पूरे मामले में अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी। आज इस पूरे मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार उधम सिंह नगर जिले के किच्छा के रहने वाले नईम उल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। जिसमें उन्होंने सरकार के नगर पालिका एक्ट संशोधन अधिनियम 2003 की धारा 3 को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि साल 2003 के बाद जिसके तीन बच्चे होंगे, उसको नगर पालिका का चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। जबकि, पंचायतों में यह नियम 27 सितंबर 2019 के बाद तीन बच्चों के चुनाव लड़ने पर रोक है।

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याचिका में ये भी कहा गया है कि अब तक वे ग्रामीण इलाके में थे और चुनाव लड़ सकते थे। लेकिन सरकार ने अब गांव को नगर पालिका में जोड़ दिया है।जिससे वो चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए हैं। ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए उनको अयोग्य घोषित करना, उनके खिलाफ अन्याय है।इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। क्योंकि, नगर निकायों का विस्तार ग्राम पंचायतों से ही होता है।

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याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य में इस तरह के दो कानून एक साथ लगाना नागरिकों को संविधान में दिए गए प्रावधानों के खिलाफ है. साथ ही उनके अधिकारों का हनन भी है. वहीं, मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से 6 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।

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