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लोहाघाट-समाज की रूढ़ियों को तोड़ बेटियों ने पहले पिता और अब मां की चिता को दी मुखाग्नि, दुनिया को अलविदा कह गयीं हरिप्रिया, आंखें देखती रहेंगी दुनिया।

लोहाघाट-समाज की रूढ़ियों को तोड़ बेटियों ने पहले पिता और अब मां की चिता को दी मुखाग्नि, दुनिया को अलविदा कह गयीं हरिप्रिया, आंखें देखती रहेंगी दुनिया।

चिता में मुखाग्नि सिर्फ बेटा ही दे सकता है बेटियां चिता को आग नहीं लगा सकतीं। इस सामाजिक सोच से ऊपर उठकर लोहाघाट में तीन बेटियों ने न सिर्फ माँ की अंतिम शवयात्रा में कंधा लगाया बल्कि मुखाग्नि प्रदान कर बेटा होने का फर्ज निभाया। अंतिम संस्कार की रस्में भी निभाई। समाज की रूढिवादिता से ऊपर उठकर बेटीयों ने समाज को एहसास करा दिया कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता।तीनों बेटियां पूर्व में पिता को भी मुखाग्नि दे चुकी हैं।

लोहाघाट ( चंपावत ) लोहाघाट निवासी तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त व सामाजिक कार्यकर्ता रीता गहतोड़ी की माता हरिप्रिया गहतोड़ी 75 वर्ष की आयु में अनंत ज्योति में विलीन हो गई। संसार से विदा होते समय वह अपनी दोनों आंखें उन लोगों के लिए दान कर गई जिनके लिए ईश्वर की सृष्टि कल्पना मात्र थी। यह जिले की पहली महिला थी जिनके शवदाह से पहले उनकी इच्छा अनुसार दोनों आँखें उपजिला चिकित्सालय के नेत्र सर्जन विराज राठी ने कार्नियां (आंखें) निकाली। जिन्हें रुद्रपुर से विशेष रूप से आए महाराजा अग्रसेन ग्लोबल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित मित्तल नेत्रदान केंद्र को दी। चिकित्सकों की टीम ने मरणोपरांत हरिप्रिया की आंखों से कार्नियां निकाल हरिप्रिया की इच्छा को पूरा किया।वहीं मरने के बाद भी हरिप्रिया की आंखें दुनिया देखती रहेंगी।

हरिप्रिया मृत्यु उपरांत अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गई हैं. जिनमें से प्रमुख समाजसेवी एवं तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित रीता, अंजू ने माता पिता की सेवा के लिए विवाह नहीं किया. जबकि सबसे छोटी बेटी करुणा शिक्षिका हैं, जिन्होंने भी तीनों बहनों की तरह अंतिम समय तक मां की सेवा की. मां की मृत्यु के बाद एक बार तीनों बहनों ने परंपरा को तोड़ते हुए मां के शव को कंधा देकर चिता को मुखाग्नि दी. तीनों बहनों ने पूर्व में अपने पिता का भी ऐसे ही अंतिम संस्कार व क्रियाकर्म किया था।साथ ही पिता का श्राद्ध भी करती आ रही हैं. हरिप्रिया की अंतिम शव यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

जिनके दो प्रतिनिधि मनीष रावत व एसके मिश्रा डॉक्टर राठी की पहल पर यहां पहुंच गए थे। लोगों ने हरिप्रिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, दूसरों के लिए अपने नेत्र देने वाली महिला को हमारा शत-शत प्रणाम।जाते-जाते दृष्टिहीनों को संसार दिखा गई हरिप्रिया।नेत्रदान करने वाली चंपावत जिले की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी के कारण और दृष्टिहीनों के लिये संसार देखने के द्वार खुल गए हैं। नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ विराज राठी द्वारा अब नेत्रदान करने वाले किसी भी दानवीर के शरीर त्यागने के बाद उनकी इच्छानुसार उनका स्थानीय स्तर पर कॉर्निया (आँख) निकालकर उसे सुरक्षित रखना संभव हो गया है। जिसके लिए सीआर मित्तल नेत्रदान केंद्र द्वारा उन्हें सुविधा उपलब्ध की गयी है। जिससे दानदाता के अंतिम संस्कार में देर ना हो, जब तक रुद्रपुर से नेत्र बैंक की टीम यहां पहुंचेगी तब तक मीडिया में यहां कार्निया सुरक्षित रहेगा। डॉक्टर राठी की इस पहल का लोगों ने जोरदार स्वागत किया है।

वही डॉक्टर विराज राठी ने स्वर्गीय हरिप्रिया की तीनों बेटियों रीता, अंजू, करुणा सहित उनके दामाद कमलेश भट्ट को धन्यवाद दिया डॉ राठी ने कहा नेत्रदान सबसे बड़ा दान है जिससे लोगों के अंधेरे जीवन में खुशियों का उजाला लौटता है उन्होंने कहा स्व हरिप्रिया जी के नेत्रदान से दो लोगों के जीवन में खुशियों का उजाला लौटेगा डॉ राठी ने कहा नेत्रदान करने के इच्छुक उनसे लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में संपर्क कर सकते हैं इस दौरान वार्ड बॉय भास्कर गढ़कोटी मौजूद रहे।

हरिप्रिया की अंतिम शव यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही राज्य आंदोलनकारी नवीन मुरारी, भाजपा कार्यकर्ता सतीश चंद्र पांडे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सचिन जोशी, शिक्षक नेता गोविंद बोरा, जिला पत्रकार संगठन के अध्यक्ष सीबी ओली आदि तमाम लोगों का रुख उनके आवास की ओर हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल माहरा,जिला महामंत्री पूरन सिंह मेहरा, पूर्व जिलाध्यक्ष एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय,जिलाधिकारी नवनीत पांडेय, सीएमओ डॉ देवेश चौहान, ब्लॉक प्रमुख नेहा ढेक, विनीता सिंह फर्त्याल, सुमन लता, रेखा देवी, एनआरआई राज भट्ट आदि लोगों ने हरिप्रिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, दूसरों के लिए अपने नेत्र देने वाली महिला को हमारा शत-शत प्रणाम।

 

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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