हाईबॉक्स एप के जरिए 30 हजार लोगों से 1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: बुरे फंसे यूट्यूबर सौरभ जोशी,एल्विश यादव, कॉमेडियन भारती सिंह समेत आठ को दिल्ली पुलिस ने भेजा समन।

हाईबॉक्स एप के जरिए 30 हजार लोगों से 1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: बुरे फंसे यूट्यूबर सौरभ जोशी,एल्विश यादव, कॉमेडियन भारती सिंह समेत आठ को दिल्ली पुलिस ने भेजा समन।

हल्द्वानी -( नैनीताल)  देश के मशहूर व्लॉगर हल्द्वानी निवासी सौरव जोशी सहित अन्य की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ गई हैं. नई दिल्ली स्पेशल सेल को आईएफएसओ यूनिट ने हाईबॉक्स एप के जरिये देशभर के 30 हजार से ज्यादा लोगों से 1000 करोड़ रुपये ठगने के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर यूटयूबर सौरभ जोशी, एल्विश यादव, अभिषेक मलहान, लक्ष्य चौधरी सहित अन्य को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है।

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स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने हाईबॉक्स एप के जरिये देशभर के 30 हजार से ज्यादा लोगों से 1000 करोड़ रुपये ठगने के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर/यूट्यूबर एल्विश यादव, अभिषेक मल्हान, लक्ष्य चौधरी व सौरभ जोशी सहित अन्य को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनसे एप में निवेश करने के लिए विज्ञापन करवाया गया था। वहीं, भारत में गिरोह के मुख्य आरोपी जे. शिवराम (30) को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी न्यू वॉशरमेनपेट, चेन्नई का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के चार बैंक खातों में मौजूद 18 करोड़ रुपये सीज किए हैं। पुलिस को अब तक 151 शिकायतें मिली हैं।

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स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने हाईबॉक्स एप के जरिये देशभर के 30 हजार से ज्यादा लोगों से 1000 करोड़ रुपये ठगने के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर/यूट्यूबर एल्विश यादव, अभिषेक मल्हान, लक्ष्य चौधरी व सौरभ जोशी सहित अन्य को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनसे एप में निवेश करने के लिए विज्ञापन करवाया गया था।

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वहीं, भारत में गिरोह के मुख्य आरोपी जे. शिवराम (30) को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी न्यू वॉशरमेनपेट, चेन्नई का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के चार बैंक खातों में मौजूद 18 करोड़ रुपये सीज किए हैं। पुलिस को अब तक 151 शिकायतें मिली हैं।

आईएफएसओ प्रमुख उपायुक्त डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया कि 16 अगस्त को यूनिट को 29 शिकायतें मिलीं थी। उनसे हाईबॉक्स एप में मासिक रिटर्न का वादा कर निवेश करवाया गया था। ठगों ने सौरभ जोशी, अभिषेक मल्हान, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, दिलराज सिंह आदि के जरिये एप का विज्ञापन करवाया था।

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20 अगस्त को मामला दर्ज करने के बाद जांच में यह बात सामने आई कि हाईबाक्स के खिलाफ उत्तर-पूर्व जिले में साइबर थाने में भी मामला दर्ज है। यहां नौ पीड़ितों ने शिकायतें दी थीं। इस मामले को भी यूनिट को ट्रांसफर कर दिया गया। जांच के दौरान उत्तर- पूर्व जिले की 30, शाहदरा जिले की 24 और बाहरी जिले की 35 शिकायतें भी शामिल की गईं। एनीसीआरपी पोर्टल पर इसी तरह की धोखाधड़ी के 488 और मामले भी लिंक किए गए हैं। वहीं, आरोपियों ने नोएडा स्थित कार्यालय को बंद कर दिया है।

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यूनिट में तैनात एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर हरबीर की टीम ने धोखाधड़ी में शामिल भुगतान गेटवे और बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया। जांच के दौरान पता चला कि ईजबज और फोनपे भुगतान गेटवे का इस्तेमाल ठगी की रकम को लेने के लिए किया गया है। यहां रकम को बैंक खातों में पहुंचा गया। ऐसे चार बैंक खातों की पहचान की गई। इसके बाद बैंक खाताधारक आरोपी शिवराम को गिरफ्तार किया गया। बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि शिवराम द्वारा संचालित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार खातों में रकम जमा की गई थी। आरोपी ने चेन्नई के न्यू वॉशरमेनपेट स्थित ऑफिस स्पेस को सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लीज पर लिया था।

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पेमेंट गेटवे ईजबज और फोनपे की भूमिका की भी जांच चल रही है। इन्होंने हाईबॉक्स के जालसाजों के मर्चेंट खातों को बिना उचित सत्यापन प्रक्रिया व आरबीआई के नियमों को दरकिनार कर वर्चुअल खोला था। इसमें इन पेमेंट गेटवे कर्मचारियों की संदिग्घ भूमिका की जांच की जा रही है।

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शिवराम नवंबर 2016 में स्थापित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। कंपनी ने हाईबॉक्स एप को फरवरी 2024 में बनाया था। जालसाजों ने नामी लोगों से विज्ञापन करवाकर अप्रैल 2024 में इसे शुरू कर दिया। पांच महीनों में हाईबाक्स ने दैनिक आधार पर 1 प्रतिशत और मासिक आधार पर 30 प्रतिशत रिटर्न देने का झांसा दिया। शिवराम वियतनाम में मौजूद मुख्य आरोपी के संपर्क में दिसंबर 2022 में आया था। जून 2023 से उसने ऐप बनाने, भुगतान गेटवे प्राप्त करने, बैंक खाते खोलने, फ्रंट ऑफिस खोलने आदि काम शुरू कर दिए थे।

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ईजबज और फोनपे से करवाया भुगतान
यूनिट में तैनात एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर हरबीर की टीम ने धोखाधड़ी में शामिल भुगतान गेटवे और बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया। जांच के दौरान पता चला कि ईजबज और फोनपे भुगतान गेटवे का इस्तेमाल ठगी की रकम को लेने के लिए किया गया है। यहां रकम को बैंक खातों में पहुंचा गया। ऐसे चार बैंक खातों की पहचान की गई। इसके बाद बैंक खाताधारक आरोपी शिवराम को गिरफ्तार किया गया। बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि शिवराम द्वारा संचालित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार खातों में रकम जमा की गई थी। आरोपी ने चेन्नई के न्यू वॉशरमेनपेट स्थित ऑफिस स्पेस को सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लीज पर लिया था।

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गेटवे कर्मचारियों की भूमिका
पेमेंट गेटवे ईजबज और फोनपे की भूमिका की भी जांच चल रही है। इन्होंने हाईबॉक्स के जालसाजों के मर्चेंट खातों को बिना उचित सत्यापन प्रक्रिया व आरबीआई के नियमों को दरकिनार कर वर्चुअल खोला था। इसमें इन पेमेंट गेटवे कर्मचारियों की संदिग्घ भूमिका की जांच की जा रही है।

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कौन है शिवराम
शिवराम नवंबर 2016 में स्थापित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। कंपनी ने हाईबॉक्स एप को फरवरी 2024 में बनाया था। जालसाजों ने नामी लोगों से विज्ञापन करवाकर अप्रैल 2024 में इसे शुरू कर दिया। पांच महीनों में हाईबॉक्स ने दैनिक आधार पर 1 प्रतिशत और मासिक आधार पर 30 प्रतिशत रिटर्न देने का झांसा दिया। शिवराम वियतनाम में मौजूद मुख्य आरोपी के संपर्क में दिसंबर 2022 में आया था। जून 2023 से उसने ऐप बनाने, भुगतान गेटवे प्राप्त करने, बैंक खाते खोलने, फ्रंट ऑफिस खोलने आदि काम शुरू कर दिए थे।

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यूट्यूबर सौरव जोशी के एक विवादित यूट्यूब वीडियो ने हल्द्वानी सहित उत्तराखंड के आम जनता में नाराजगी पैदा कर दी है. कुछ दिन पहले सौरव जोशी ने अपने ब्लॉग में कहा था कि हल्द्वानी और उत्तराखंड की पहचान उसके यूट्यूब ब्लॉग (youtuber Sourav Joshi statement) के चलते पूरे देश दुनिया में हो रही है. सौरभ जोशी ने कहा कि इससे पहले हल्द्वानी और उत्तराखंड को कोई नहीं जानता था. लेकिन उसके यूट्यूब चैनल के जरिए हल्द्वानी और उत्तराखंड रोजाना यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है।

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सौरभ जोशी के इस बयान के बाद अब पहाड़ के लोगों मे आक्रोश है. लोगों ने सौरव जोशी के इस हरकत की निंदा करते हुए कहा है उत्तराखंड देवभूमि है. राज्य आंदोलनकारियों के शहादत के बदौलत उत्तराखंड की पहचान हुई है. उत्तराखंड में चारधाम के साथ-साथ यहां मानस और केदारखंड है. उत्तराखंड ऋषि मुनियों की तपोस्थली रह चुकी है. उत्तराखंड की पहचान वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, हेमवती नंदन बहुगुणा, पंडित गोविंद बल्लभ पंत, सुमित्रानंदन पंत, सीडीएस बिपिन रावत जैसे क‌ई प्रभावशाली व्यक्तित्वों के कारण हुई है.

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लोगों का कहना है कि एक छोटा सा यूट्यूबर जो उम्र से परिपक्व नहीं है. वह उत्तराखंड और हल्द्वानी को अपने यूट्यूब से पहचान दिलाने की बात कर रहा है. इससे निंदनीय और क्या हो सकता है? जिस शहर में वह रह रहा है, उस शहर को खुद से पहचान दिलाने की बात करना किसी मूर्खता से कम नहीं है. हल्द्वानी का अपना गौरवशाली इतिहास है. ब्रिटिश शासन के समय से हल्द्वानी बसा हुआ है. ऐसे में एक यूट्यूब पर द्वारा यह दर्शना बेहद अपमानजनक है।

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लिहाजा जनता अहंकार से लवरेज इस यूट्यूबर की चौतरफा निंदा कर रही है. राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि इस तरह से उत्तराखंड और हल्द्वानी की पहचान की बात करना राज्य आंदोलनकारियों का अपमान करना है. जब से यह बयान सोशल मीडिया में आया है, तब से सोशल मीडिया में सौरभ जोशी के यूट्यूब को अनसब्सक्राइब करने की मुहिम छेड़ दी है.

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बता दें कि नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रहने वाले ब्लॉगर सौरभ जोशी ने बीते रोज वायरल हुए एक वीडियो में कहा था कि उनकी वीडियो के जरिए ही लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं और हल्द्वानी को पहचान रहे हैं. इससे पहले उत्तराखंड की अपनी कोई पहचान नहीं था. वो तो इन्होंने वीडियो बनाना शुरू किया, जिससे उत्तराखंड एवं हल्द्वानी को पॉपुलरटी मिली. सौरव जोशी कहते हैं कि उनकी वीडियो के जरिए लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं और हल्द्वानी को जान रहे हैं. सौरभ जोशी की यह वीडियो जहां सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है.

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