दुखद ख़बर- लद्दाख में जेसीओ सहित पांच जवान बलिदान, टैंक अभ्यास के दौरान बड़ा हादसा, नदी पार करते समय अचानक बढ़ा जलस्तर टैंक सवार सेना के पांच जवान बहे।

दुखद ख़बर- लद्दाख में जेसीओ सहित पांच जवान बलिदान, टैंक अभ्यास के दौरान बड़ा हादसा, नदी पार करते समय अचानक बढ़ा जलस्तर टैंक सवार सेना के पांच जवान बहे।

केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में टैंक से नदी पार करने के अभ्यास के दौरान बड़ा हादसा हो गया।नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से सेना के पांच जवान चपेट में आ गए। टैंक अभ्यास के दौरान नदी पार करते समय अनाचक बाढ़ आ गई।जिसमें जीसीओ समेत पांच जवान बलिदान हो गए।यह दुर्घटना बीती रात लेह से 148 किलोमीटर दूर एक सैन्य अभ्यास के दौरान हुई। बचाव अभियान शुरू किया गया है। पांचों जवानों के शव बरामद किए गए हैं। यह घटना मंदिर मोड़ के पास अभ्यास के दौरान हुई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक,केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में भारतीय सेना के जवानों के साथ एक बड़ा हादसा हुआ है। सेना के जवान लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में नदी पार करने का टैंक अभ्यास कर रहे थे।इस दौरान अचानक से नदी का जलस्तर बढ़ गया। जिसके चलते सेना के पांच जवान नदी में बह गए और उनकी जान चली गई। सभी जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं।भारतीय सेना के जवानों के साथ ये हादसा चीन के साथ लगने वाली सीमा यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुआ है। दौलत बेग ओल्डी कारकोरम रेंज में स्थित है।जहां सेना का बेस मौजूद है।

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया है कि लद्दाख में एलएसी के पास अचानक आई बाढ़ में सेना के पांच जवान बह गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, सेना का टैंक नदी के एक गहरे हिस्से को पार कर रहा था, तभी वह वहां पर फंस गया. इस दौरान अचानक बढ़े जलस्तर के चलते उसमें पानी भर गया, जिससे जवान बह गए और उनकी मौत हो गई. यहां ये बात स्पष्ट करना जरूरी है कि घटनास्थल पर कोई झड़प नहीं हुई है. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताया है।

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लद्दाख में सेना के जवानों के साथ हादसा हो गया है। इलाक़े में टैंक अभ्यास चल रहा था। इस दौरान नदी पार करते समय अचानक से जलस्तर बढ़ गया। इसमें सेना के जवान फंस गए। हादसे में सेना के JCO समेत 5 जवान शहीद हो गए हैं (5 Army personnel dead in Ladakh) . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने इस हादसे पर संवेदना जताई है।

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उन्होंने X पर पोस्ट किया,

रक्षा मंत्री ने हादसे पर जताय दुख, बोले- दुख इस घड़ी में देश शोक संतप्त परिवारों के साथ

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख हादसे पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि दुख के इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है।

“लद्दाख में नदी पार करते समय हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में भारतीय सेना के पांच बहादुर जवानों की जान जाने से बहुत दुखी हूं. हम देश के लिए अपने वीर जवानों की अनुकरणीय सेवा को कभी नहीं भूलेंगे. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएंं. दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है.”

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न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक़, रक्षा अधिकारियों ने प्रारंभिक पुष्टि की है. अधिकारियों ने कहा,

“घटना के समय टैंक में 5 सैनिक थे. इनमें एक जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) और चार जवान शामिल थे.”

ये जवान हुए बलिदान

हादसे का शिकार हुए जवानों के नाम आरआईएस एमआर के रेड्डी, डीएफआर भूपेंद्र नेगी, एलडी अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान (6255 एफडी वर्कशॉप), सीएफएन नागराज पी (एलआरडब्ल्यू) हैं।

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टी-72 में तीन के बजाय, 5 जवान बैठे थे

आमतौर पर इस टैंक पर कमांडर, एक गनर और एक ड्राइवर होता है। प्रैक्टिस के दौरान इसमें 5 जवान सवार थे। टी-72 टैंक 5 मीटर (16.4 फीट) गहरी नदियों को पार करने की क्षमता रखता है। यह एक छोटे डायामीटर वाले स्नोर्कल की मदद से नदी पार करता है।

इमरजेंसी के लिए इस पर सवार क्रू के सभी सदस्यों के रीब्रीदर दिया जाता है। अगर टैंक का इंजन पानी के भीतर बंद हो जाता है, तो इसे 6 सेकंड के भीतर फिर से चालू करना होता है। ऐसा नहीं करने पर कम दबाव होने के कारण T-72 के इंजन में पानी भर जाता है।

अजेय कहलाता है टी -72
जिस टी -72 टैंक के साथ जवान प्रैक्टिस कर रहे थे, वह भारत में अजेय नाम से जाना जाता है। इसे 1960 में रूस में बनाया गया और 1973 में सोवियत सेना में शामिल किया गया था। यूरोप के बाद भारत ऐसा पहला देश था जिसने रूस से यह टैंक खरीदा था। भारतीय सेना में अजेय टैंक के तीन वैरियंट की कुल 2400 यूनिट शामिल हैं।
इस टैंक का वजन 45 टन के करीब है, जो 780 हॉर्सपावर जेनेरेट करता है। इसे न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल हमलों से बचने के लिए बनाया गया है। इसमें फुल एक्सप्लोसिव रिऐक्टिव आर्मर भी होता है। टैंक पर 12.7 एमएम एंटी एयरक्राफ्ट मशीन गन लगी हुई है, जिससे एक बार में एक साथ 300 राउंड फायर होते हैं। यह 1500 मीटर दूर बैठे दुश्मन पर सटीक निशाना लगा सकती है।

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uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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