दुर्गम और चट्टानी रास्तों से होते हुए शव लेने पुलिस और राजस्व कर्मीयों को पैदल तय करनी पड़ी पूरे 100 km.की दूरी…। इस कर्मचारी की तीन दिन पहले हुई थी मौत।

दुर्गम और चट्टानी रास्तों से होते हुए शव लेने पुलिस और राजस्व कर्मीयों को पैदल तय करनी पड़ी पूरे 100 km.की दूरी…। इस कर्मचारी की तीन दिन पहले हुई थी मौत।

पहाड़ों की शांत,सुंदर वादियों में पैदल ट्रैक करने का मजा कौन नहीं लेना चाहता पर जब परिस्थितियां विपरीत हों तो मजा सजा में बदल जाता है। पहाड़ में दो-चार दिन बिताने-घूमने जाने वाले शायद ये बात न समझ पाएं क्योंकि उन्हें तो केवल सेल्फी,वीडियो से मतलब होता है लेकिन जीवन कितना कठिन है ये उस जगह के निवासी ही बता सकते हैं।

ल्वां गांव में पशुधन सहायक का शव लाने के लिए रेस्क्यू टीम को 100 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। मुनस्यारी विकासखंड के मल्ला जोहार के ल्वां गांव में मृत पशुधन सहायक का शव मुनस्यारी पहुंच गया है।

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पहाड़ का जीवन वाकई पहाड़ जैसा ही है। एक तरफ हम चांद मंगल तक का सफर तय कर चुके हैं वही कई इलाके अब भी ऐसे हैं जहां एक सड़क तक नहीं है। ऐसे में ल्वां गांव में पशुधन सहायक का शव लाने के लिए रेस्क्यू टीम को 100 किलो मीटर पैदल चलना पड़ा। मुनस्यारी विकासखंड के मल्ला जोहार के ल्वां गांव में मृत पशुधन सहायक का शव मुनस्यारी पहुंच गया है। पशुधन सहायक के शव को लाने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग की टाम को 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करना पड़ी।

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दुर्गम और चट्टानी रास्तों से होते हुए शव को इतनी दूर लाना टीम के सदस्यों के लिए आसान काम नहीं था,पशुधन सहायक गंगोलीहाट के सिरोला गांव निवासी पशुधन सहायक दान सिंह (59) पुत्र देव सिंह का सामने आया है।विभागीय कार्य से मल्ला जोहार के ल्वां गांव गए हुए थे। और अचानक सांस लेने में दिक्कत होने के चलते उनकी तबियत बिगड़ गई और मौत हो गई।

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सूचना पर रविवार को मुनस्यारी थाना पुलिस के एसआई देवेंद्र बिष्ट, राजस्व उप निरीक्षक दिनेश भंडारी, कांस्टेबल वीरेंद्र यादव, होमगार्ड देवेंद्र सिंह लगभग 50 किमी दूर ल्वां गांव पहुंचे। ऐसे में ल्वां गांव में पशुधन सहायक का शव लाने के लिए एक टीम को 50 किमी पैदल पहले गांव जाना पड़ा और फिर खतरों भरे रास्ते से शव को स्ट्रेचर पर लाद वापस 50 किमी. की दूरी तय करनी पड़ी। हर कोई उनकी तारीफ कर उन्हे दुआएं दे रहा है। टीम ने मंगलवार को पशुधन सहायक के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी पहुंचाया। यहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

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