टनकपुर से अजमेर जा रही ट्रेन की चपेट में आने से पूर्व सैनिक की मौत,चकरपुर पचौरिया रेलवे ट्रैक पर हुआ हादसा ,पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा।
खटीमा (उधम सिंह नगर) टहल कर घर लौट रहे सेना से रिटायर सूबेदार की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया। सोमवार देर शाम पचौरिया (चकरपुर) निवासी 83 वर्षीय राम दत्त फुलेरा पुत्र स्व. लोकमणी फुलेरा पचौरिया के पास रेलवे ट्रैक के पास टहल रहे थे। इसी बीच रेलवे क्रॉसिंग को पार कर घर जाने लगे। इसी दौरान टनकपुर से खटीमा की ओर से आ रही ट्रेन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार पचौरिया निवासी रिटायर्ड सूबेदार राम दत्त फुलेरा (83) पुत्र स्व.लोकमणि फुलेरा सोमवार शाम टहल कर घर जा रहे थे। इसी दौरान शाम करीब सात बजे रेल पटरियों को पार करते समय टनकपुर से अजमेर जा रही ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बुजुर्ग पूर्व सैनिक का पटरियों के पास ही घर होने के कारण घटना होते ही उनके परिजन व आसपड़ोसी मौके पर पहुंच गए।
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ट्रेन चालक ने घटना की सूचना खटीमा रेलवे स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने घटना की सूचना चकरपुर पुलिस चौकी को दी। सूचना पर पुलिस चौकी प्रभारी प्रियांशु जोशी टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। परिजन व ग्रामीण के साथ घायल वृद्ध को उप जिला चिकित्सालय लेकर आए, जहां चिकित्सों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।उन्होंने शव कब्जे में लेकर परिजनों के साथ उप जिला चिकित्सालय पहुंच मोर्चरी में रखवा दिया।मंगलवार को एएसआई नाथ सिंह ने शव का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।पोस्टमार्टम के उपरांत मृतक पूर्व सैनिक का अंतिम संस्कार बनबसा शारदा घाट पर किया गया है।
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सेवानिवृत्त सूबेदार राम दत्त के एक पुत्र पुष्कर दत्त फुलेरा व एक पुत्री किरन है। दोनों की शादी हो चुकी है। घर पर पत्नी गोविंदी के अलावा उनके पुत्र पुत्र वधु व तीन पोते हैं। पूर्व सैनिक अपने पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक राम दत्त फुलेरा बंगाल इंजीनियर से सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
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सीमांत क्षेत्र खटीमा के आसपास रेलवे ट्रैक पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं से हो रही जनहानि चिंता का सबब बन रही है।पिछले कुछ दिन में रेलवे ट्रेक पर कई हादसे सामने आ चुके है।खटीमा क्षेत्र में विद्युत ट्रेनें संचालित होने के उपरांत ट्रेनों के चलने के दौरान बेहद कम आवाज व रेल हॉर्न का कम उपयोग भी रेल मानव दुर्घटनाओं में इजाफा कर रहा है। खास तौर से बुजुर्ग रेल हादसों का शिकार हो रहे है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa