डायनेस्टी गुरूकुल एकेडमी में प्रथम अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन, नेपाल यूपी समेत स्थानीय कवियों व साहित्यकारों का हुआ समागम।
कवि सम्मेलन में खूब लगे ठहाके, जमकर बजी तालियां
खटीमा ( उधम सिंह नगर ) सीमान्त क्षेत्र खटीमा के डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल एकेडमी छिनकी फार्म में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पड़ोसी देश नेपाल, यूपी व स्थानीय कवि व साहित्यकारों का समागम हुआ। दूरस्थ व सीमांत क्षेत्र से आए हुए कवियों के सम्मान में विद्यार्थियों द्वारा छोलिया नृत्य, समूह गान, चरित्र अभिनय, गीता सार आदि प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि खटीमा फाइबर के सीएमडी डॉक्टर आर, सी रस्तोगी व उपस्थित समस्त कवियों व विद्यालय प्रबंधन समिति ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
सम्मेलन में आने वाले कवियों ने लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए एक से बढ़ कर एक रचना प्रस्तुत किए। सम्मेलन में मौजूद लोगों के भीड़ को देखते हुए कवि भी अपने रचनाओं को प्रस्तुत करते रहे। उपस्थित लोगों ने भी कवि की हास्य-व्यंग, वीर रस और सोमरस सहित कई अन्य कविताओं को सुनकर लगातार तालियां बजाते रहे। तालियों की गूंज ने कवियों को और भी उत्साहित कर दिया।
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कवि/साहित्यकारों ने अपनी सुंदर कविताओं से उपस्थित समस्त जन समूह को मंत्रमुग्ध किया।उपस्थित कवियों में सरिता पंथी, हरीश प्रसाद जोशी, रमेश पंत, कविराज भट्ट, सत्यपाल सिंह, पुष्पा जोशी, नवनीत सिंह चौधरी, रविंद्र पांडेय, दीपक फुलेरा, जगदीश पंत, त्रिलोचन जोशी, हेमा जोशी, शांति देवी, राम रतन यादव, रविंद्र कुमार, तरुण सकलानी, बसंती सावंत, कैलाश चंद्र पांडे, एड. सहाना कुरैशी, रामचंद्र,हाजी डॉ. इलियास सिद्दीकी, शहजाद अबसार सिद्दीकी, सुचिता अजय श्रीवास्तव, कमल बिष्ट, आकाश प्रभाकर, तुलसी बिष्ट, नूरे निशा, विपिन जोशी, दया भट्ट, महेंद्र प्रताप पांडेय, माया जोशी,कु.रुचि चौहान ने अपनी लेखनी से सभी को प्रभावित किया।
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भारत-नेपाल प्रथम अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न आयोजन किया गया । इस साहित्योत्सव में नेपाल से आये हुए नौ साहित्यकारों को डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल एकेडमी छिनकी फार्म की ओर से सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन में पड़ोसी देश नेपाल से पांच कवियों ने प्रतिभाग कर भारत नेपाल मैत्री को प्रस्तुत किया और अपनी सुंदर रचनाओं से सभी को अविभूत किया।
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विद्यालय के प्रबंध निदेशक धीरेंद्र चंद्र भट्ट ने उपस्थित समस्त कवियों को सम्मानित करते हुए प्रतीक चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट किए। उन्होंने कहा कि कविता साहित्य की मौखिक परम्परा को आगे बढ़ाती है। कविता मनुष्य में संवेदनाओं का विकास करती है । इसके द्वारा शिक्षक विद्यार्थियों में प्रेम, सद्भाव, दया,ईमानदारी, ममता, सहानुभूति आदि गुणों का समावेश कर सकते हैं। उन्होंने समस्त कवियों को विद्यालय में पधारकर सुंदर प्रस्तुतियां देने पर उन्हें धन्यवाद दिया।
सभी कवियों को एम डी धीरेंद्र चन्द्र भट्ट, मुख्य अतिथि डॉ आर सी रस्तोगी सी एम डी खटीमा फाइबर्स,उत्तराखंड बाल कल्याण साहित्य संस्थान के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप पाण्डेय नन्द और प्रेमा भट्ट के हाथों अंगवस्त्र ,सम्मान पत्र तथा स्मृति चिन्ह के साथ प्रदान किया गया।
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इस अवसर पर विद्यालय की डायरेक्टर प्रेमा भट्ट, प्रधानाचार्य चन्द्रकान्त पनेरु,, एकेडमिक डायरेक्टर विक्टर आईवन, सुरेश ओली, दिगंबर भट्ट, अशोक जोशी, विक्रम नाथ, सुरेंद्र रावत, चामू दानू, राहुल कुमार, रमेश जोशी, ऊषा चौसाली, हेमलता बोरा, शिल्पा सक्सेना, अनीता शर्मा, हरीश भट्ट, गिरीश जोशी, नीतू चंद, कल्पना चंद, दया किशन पंत, कविता सामंत व विद्यालय परिवार के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के सहसंयोजक और संचालक वरिष्ठ कवि महेंद्र प्रताप पांडेय “नन्द”ने किया।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa