चमोली नंदानगर आपदा: 16 घंटे बाद मलबे से सुरक्षित जिंदा निकले कुंवर सिंह, पत्नी और दो जुड़वा बच्चों की चली गई जान,NDRF, SDRF और स्थानीय लोगों की मद्दत से सर्च अभियान जारी।
चमोली में आई आपदा ने कई परिवारों को बिखेर दिया। आपदा ने कुछ परिवारों को बहुत गहरा जख्म दिया है। ग्रामीण कुंवर सिंह को तो सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन इस आपदा ने उनका परिवार छीन लिया।
नंदानगर की आपदा में मलबे में दबे कुंवर सिंह 16 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं। लेकिन उनके परिवार को बचाया नहीं जा सका। पत्नी और दो जुड़वा बच्चे आपदा में मारे गए। फाली लगा कुंतरी के बलवंत सिंह का एक बेटा परिवार के साथ दूसरे शहर में रहता है और दूसरा पुत्र कुंवर सिंह, पत्नी और जुड़वा बेटों के साथ गांव में रहते थे। उन्होंने मजदूरी करके अपना घर बनाया।
दोनों बच्चे विकास और विशाल (10 साल) सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ते थे। बृहस्पतिवार तड़के पूरा परिवार घर में सो रहा था। तभी आपदा आई और पूरा घर मलबे में दब गया। सुबह जब राहत और बचाव कार्य शुरू शुरू हुआ तो मकानों से मलबा हटाने पर बचावकर्मियों को एक घर से किसी की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने रोशनदान से कमरे में देखा तो कुंवर सिंह के अंदर होने का पता चला।
जिस पर रेस्क्यू टीम ने तेजी से उन्हें बाहर निकालने का काम शुरू किया। शाम करीब छह बजे कुंवर सिंह को बाहर निकाल लिया गया। कमरे में कुंवर सिंह का आधा शरीर मलबे में दबा हुआ था। चेहरे पर भी मिट्टी जमा थी, लेकिन रोशनदान से उन्हें सांस लेने में मदद मिलती रही। कुंवर सिंह को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उनकी पत्नी कांती देवी सहित दोनों बेटे मलबे में दबे हुए हैं।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने गुरुवार को नंदानगर के कुंतरी फाली, सेरा और धुरमा गांवों का दौरा कर आपदा क्षेत्र का निरीक्षण किया. उन्होंने आपदा प्रभावितों से बातचीत कर आपदा की जानकारी ली और पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
नंदा नगर आपदा में कुल 10 लापता लोगों में 2 के शव बरामद कर शेष की खोजबीन जारी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों द्वारा कुंतरी से नरेंद्र सिंह और जगदम्बा प्रसाद दो लोगों के शव बरामद किए गए हैं. शेष 8 लापता लोगों की खोजबीन जारी है. इस दौरान गंभीर रूप से घायल और बीमार व्यक्तियों के तत्काल राहत हेतु 11 लोगों को हायर सेंटर भेजा गया, जिनमें भीम सिंह (55), कमला देवी (60), सचिता देवी (53 वर्ष) समेत अन्य 8 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से उपचार हेतु देहरादून भेजा गया।
वहीं एक बच्चे को 5 से 7 साल के उम्र के बच्चे को एम्स ऋषिकेश लाया गया है. प्रोफेसर और हेली सेवा अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि, नंदप्रयाग से हेलीकॉप्टर द्वारा एक बच्चा एम्स लाया गया है. बच्चे की हालत गंभीर है. विस्तृत जांच अभी जारी है. रेडियोलॉजी जांच अभी बाकी है, लेकिन उससे पहले हमने बच्चे की हालत स्थिर कर दी है. पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि उसके सिर में चोट लगी होगी. जांच पूरी होने के बाद ही हम चोट की गंभीरता और बाकी सब चीज़ों के बारे में बेहतर बता पाएँगे।”
जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को बाधित मार्गों को शीघ्र सुचारु करने, प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट करने और भोजन और पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. कुंतरी लगा फाली के प्रभावित परिवारों के लिए सैती प्राथमिक विद्यालय, मरिया आश्रम और पूर्ति निरीक्षक गोदाम में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. धुरमा गांव के लगभग 25 और सेरा गांव के लगभग 12 प्रभावित परिवारों के लिए शिविरों की व्यवस्था तहसील प्रशासन द्वारा की जा रही हैं।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन से गुरुवार देर रात चमोली जिले में अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली. सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित करने, प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने और प्रभावित लोगों को असुरक्षित स्थानों से सुरक्षित स्थानों में पहुंचने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने विभिन्न घटनाओं में घायल हुए लोगों का बेहतर से बेहतर उपचार करने और लापता लोगों की खोज के लिए खोज एवं बचाव अभियान को तत्परता से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।