नेपाल में कर्फ्यू के बाद उत्तराखंड में बॉर्डर पर ‘नो एंट्री’, खटीमा-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, 7 फरार कैदी नेपाल से भारत में घुसने से रोक, कारोबार भी प्रभावित, रिश्तों की नाकेबंदी, IG कुमाऊं ने लिया सुरक्षा व्यवस्था का जायजा।

नेपाल में कर्फ्यू के बाद उत्तराखंड में बॉर्डर पर ‘नो एंट्री’, खटीमा-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, 7 फरार कैदी नेपाल से भारत में घुसने से रोक, कारोबार भी प्रभावित, रिश्तों की नाकेबंदी, IG कुमाऊं ने लिया सुरक्षा व्यवस्था का जायजा।

 

खटीमा (उधम सिंह नगर) । नेपाल में हिंसा, अराजकता और जेलों से कैदियों के भागने के बीच उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से सख्त कर दी गई है। नेपाल के कर्फ्यू के कारण कंचनभोज, दोधारा चांदनी, बाबाथान व अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में SSB, पुलिस व खुफिया विभाग ने उच्च सतर्कता बरतते हुए विशेष निगरानी शुरू कर दी है।

IG कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल और SSP मणिकांत मिश्रा की अध्यक्षता में खटीमा के मेलाघाट क्षेत्र में विशेष बैठक हुई, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों ने सीमा से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया। वहीं, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार नेपाल में उत्पन्न अस्थिर हालात का फायदा उठाकर संदिग्ध आतंकवादी भारत की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं।

विशेष कार्रवाई में SSB ने पहले ही सात फरार कैदियों को हिरासत में लेकर नेपाल पुलिस को सौंप दिया है। इसके अलावा, चंपावत क्षेत्र से चार कैदियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर नागरिकों से सतर्क रहने और संदिग्धों की सूचना देने की अपील की गई है।

बनबसा बॉर्डर व खटीमा से नेपाल व भारत के बीच आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। केवल अत्यंत आवश्यक कार्यों व गंभीर बीमारों को ही कड़ी जांच-पड़ताल के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। इससे व्यापार पर बड़ा असर पड़ा है। मेलाघाट व झूलाघाट बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा है। बनबसा व्यापार मंडल अध्यक्ष भरत भंडारी ने कहा कि करीब 80% कारोबार नेपाल पर निर्भर है। संजय अग्रवाल के अनुसार प्रतिदिन लगभग 5 से 7 लाख रुपये का व्यापारिक नुकसान हो रहा है।

नेपाल से लगी ऊधमसिंहनगर की 15 किलोमीटर खुली सीमा की सुरक्षा पूरी तरह SSB और पुलिस के जिम्मे है। धारा पूर्वी वन प्रभाग के सहयोग से वनकर्मी भी गश्त में शामिल किए जा रहे हैं।

नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध व कैदियों की भागमभाग के कारण उत्पन्न अस्थिरता के बीच भारत-नेपाल सीमा पर एहतियात बरतने की नीति जारी है। स्थानीय प्रशासन व सुरक्षा बल केंद्र और राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए लगातार गहन निगरानी कर रहे हैं।

बनबसा बॉर्डर से पिछले दो दिन में कोई भी भारतीय नेपाल नहीं गया। खटीमा में भारत-नेपाल की खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा से भी बुधवार सुबह भारत आ रहे नेपाली नागरिकों को एसएसबी और पुलिस के जवानों ने लौटा दिया।

भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। कारोबारी संबंध भी हैं। उत्तराखंड की लगभग 250 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगी हुई है। पड़ोसी देश में चल रही भारी हिंसा के बीच सीमा पर रिश्तों की नाकेबंदी कर दी गई है। दो दिन से नेपाल से न तो किसी को भारत आने दिया जा रहा है और ना ही किसी को एसएसबी चौकियों से नेपाल जाने के लिए एंट्री दी जा रही है। अत्यंत आवश्यक कार्यों या गंभीर रूप से बीमारों को कड़ी पूछताछ और उनके कागजात देखने के बाद ही भारत आने दिया जा रहा है।

बनबसा बॉर्डर से पिछले दो दिन में कोई भी भारतीय नेपाल नहीं गया। खटीमा में भारत-नेपाल की खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा से भी बुधवार सुबह भारत आ रहे नेपाली नागरिकों को एसएसबी और पुलिस के जवानों ने लौटा दिया। भारत से भी कोई व्यक्ति नेपाल नहीं जा पाया। नेपाली नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित किए जाने से खटीमा के मेलाघाट बाजार में कारोबार प्रभावित रहा। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। मेलाघाट व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि अधिकतर व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं।

टनकपुर से सटी नेपाल की ब्रह्मदेव मंडी में आवश्यक सामग्री की कुछ दुकानों को छोड़कर बुधवार को अन्य दुकानें बंद रहीं। बनबसा में भी दो दिन से आम नेपाली खरीदार नहीं आया। व्यापार मंडल अध्यक्ष भरत भंडारी ने बताया कि बनबसा का करीब 80 फीसदी कारोबार नेपाल पर निर्भर है। पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने आशंका जताई कि नेपाल में हुई हिंसक घटनाओं के बाद इस बार दशहरा और दीपावली पर्व पर कारोबार फीका रह सकता है। टनकपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष वैभव अग्रवाल ने कहा कि नेपाल से ग्राहक न आने से प्रतिदिन करीब 5 से 7 लाख रुपये का व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। किराना व्यापारी नीरज जुकरिया ने बताया कि मंगलवार को ग्राहक आए थे। बुधवार को कोई नहीं आया। उनका तो उधारी भी नेपाली ग्राहकों के साथ रहती है।

पिथौरागढ़ जिले में सीमा पर बसे झूलाघाट बाजार में भी सन्नाटा रहा। यहां का लगभग 90 प्रतिशत कारोबार नेपाली नागरिकों पर निर्भर है। नेपाल में बवाल को देखते हुए धारचूला में भारत-नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय झूलापुल को एहतियान बुधवार को निर्धारित समय से 50 मिनट देरी से खोला गया। सुबह छह बजे खुलने वाला पुल 6:50 पर खोला गया। एसएसबी के साथ ही पुलिस और कस्टम के कर्मचारी काली नदी किनारे गश्त कर रहे हैं। डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है। पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर स्थित थानों और चौकियों की पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

नेपाल सीमा पर एसएसबी के साथ एक प्लाटून पीएसी तैनात
झनकईया थाना क्षेत्र में नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों में एसएसबी की तीन पोस्ट पर एक प्लाटून पीएसी तैनात की गई है। नेपाल से जो लोग अवैध तरीके से आएंगे उनको टीम वापस भेजगी। फिलहाल इन क्षेत्रों में नेपाल से कोई व्यक्ति नहीं आया है। – मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर

नेपाल के बैतड़ी, दार्चूला जिला कारागार से 143 कैदी फरार
नेपाल में जेन जी आंदोलन के बीच हिंसा, अराजकता की आड़ में भारतीय सीमा से सटे बैतड़ी और दार्चूला कारागार से 143 कैदी भाग गए हैं। उनके भारत में आकर छिपने की आशंका जताई जा रही हैं। बैतड़ी के सीडीओ पुण्य विक्रम पौडेल ने बताया कि बैतड़ी जिला कारागार में सजा भुगत रहे कैदियों की संख्या 62 थी। सभी भाग गए। दार्चुला जिला कारागार से 81 कैदी फरार हुए हैं, वहां अब सात कैदी हैं। नेपाल के कंचनपुर जेल से भी सात कैदी फरार हो गए थे जिन्हें बाद में एपीएफ ने पकड़ लिया। इसके बाद कंचनपुर और कैलाली जिलों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चंपावत के एसपी अजय गणपति ने नेपाल की जेलों से भागे चार कैदियों के फोटो सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुपों में शेयर कर ग्रामीणों से संदिग्धों के दिखने पर उनकी सूचना पुलिस को देने अपील की है। पुलिस की ओर से चार लोगों फोटो शेयर की गई है।

केंद्र व राज्य सरकार से जो दिशा निर्देश मिले हैं उनका पुलिस और एसएसबी मिलकर पालन कर रहे हैं। लोकल पुलिस एसएसबी के साथ मिलकर सीमांत क्षेत्रों में ज्वॉइंट कांबिंग कर रही है। एलआइयू को अलर्ट किया गया है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
– रिधिम अग्रवाल, आईजी कुमाऊं

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