पर्वतीय जिलों को मिली बड़ी सौगात: इन जिलों में 220 नए डॉक्टरों की हुई तैनाती, पहाड़ों स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी मजबूती, जानिए कहां-कहां होंगे तैनात।
देहरादून: उत्तराखंड में आए दिन स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठाते रहे हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टर की कमी के चलते कई बार मरीजों के मौत के भी मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जच्चा-बच्चा के मौत का मामला भी सामने आया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उप जिला अस्पताल गैरसैंण में दो डॉक्टर्स की तैनाती की थी। तो वहीं अब स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में 220 नए डॉक्टर्स की तैनाती की है।ताकि, प्रदेश के पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को तत्काल एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके।
हाल ही में गैरसैंण में जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठे थे। इसके बाद सरकार ने जहां तत्काल गैरसैंण उप जिला अस्पताल में दो डॉक्टरों की तैनाती की थी, वहीं अब बड़े स्तर पर डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रदेश सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत कर रही है, ताकि लोगों को अपने ही क्षेत्र में बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। हाल ही में चयनित 220 चिकित्सकों को उनकी पहली तैनाती दी गई है।”
चयनित 220 डॉक्टरों में से दिव्यांग डॉक्टर्स को छोड़कर अन्य सभी डॉक्टर्स को ऐसे सुदूरवर्ती अस्पतालों में तैनाती दी गई है। जहां पर लंबे समय से पद खाली चल रहे थे।
किन-किन क्षेत्रों में हुई तैनाती
चमोली : देवाल, ग्वालदम, थराली, गैरसैंण, जोशीमठ, मेहलचौरी आदि
उत्तरकाशी : हर्षिल, गंगोत्री, मोरी, चिन्यालीसौड़, बड़कोट, जानकीचट्टी आदि
टिहरी : लंबगांव, थत्यूड़, हिंडोलाखाल, नंदगांव आदि
रुद्रप्रयाग : गुप्तकाशी, फाटा, जखोली, भीरी, मनसूना आदि
पौड़ी : अदालीखाल, बीरोंखाल, रिखणीखाल, बैजरों, पौखाल आदि
पिथौरागढ़ : धारचूला, मुनस्यारी, बेरीनाग, डीडीहाट, थल आदि
चंपावत : जिला चिकित्सालय, सिपटी, भौन, बाराकोट आदि
बागेश्वर : कपकोट, बैजनाथ, बदियाकोट, उप जिला अस्पताल बागेश्वर आदि
अल्मोड़ा : द्वाराहाट, भिकियासैंण, चौखुटिया, भतरौंजखान, हवालबाग आदि
नैनीताल : मुक्तेश्वर, ज्योलीकोट, धारी, गरमपानी, मालधनचौड़, बेतालघाट आदि
इस तैनाती के बाद राज्य के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर होने और मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध होने की उम्मीद बढ़ी है।