नैनीताल: शिकायत ना दर्ज करने पर सभासद और पुलिस आमने-सामने, कोतवाली में हूआ हंगामा, सिपाही की तबीयत बिगड़ी, धरने पर बैठे सभासदों ने सख्त कार्रवाई की मांग की।
नैनीताल में नगर पालिका सभासदों और पुलिसकर्मियों के बीच तनाव गहराता जा रहा है। एक मामूली शिकायती पत्र को लेकर शुरू हुआ विवाद शुक्रवार देर शाम कोतवाली में बड़ा बवाल बन गया। आरोप-प्रत्यारोप, धरना-प्रदर्शन, सड़क जाम और फिर एक सिपाही की बिगड़ती तबीयत ने मामले को और तूल दे दिया।
जानकारी के अनुसार, सभासद पूरन बिष्ट अन्य सभासदों के साथ एक शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचे थे। आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने न सिर्फ शिकायती पत्र लेने से इनकार कर दिया, बल्कि कथित तौर पर अभद्रता भी की। इस व्यवहार से आक्रोशित सभासदों ने तुरंत कोतवाल को शिकायती पत्र सौंपा और कार्रवाई की मांग की।
विवाद बढ़ने के बाद सभासद पूरन बिष्ट के साथ मंटू जोशी, मनोज जगाती, जितेंद्र पांडे, गजाला कमाल, भगवत रावत, रमेश प्रसाद, सुरेंद्र कुमार, अंकित चंद्रा, सपना बिष्ट समेत कई जनप्रतिनिधि और स्थानीय व्यापारी, अधिवक्ता कोतवाली पहुंच गए। वहां पुलिस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
धरना और जाम का माहौल
पुलिसकर्मियों ने भी सभासदों पर दबाव बनाने और धमकी भरे अंदाज में बात करने का आरोप लगाया। जब बात नहीं बनी तो सभासद कोतवाली के बाहर ही धरने पर बैठ गए। मामला बिगड़ता देख नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल भी कोतवाली पहुंचीं और सभासदों का पक्ष लिया। देखते ही देखते पालिका कर्मचारी और सफाईकर्मी भी मौके पर आ जुटे और सांकेतिक विरोध के रूप में सड़क पर वाहन खड़े कर ट्रैफिक बाधित कर दिया। इससे कुछ समय के लिए यातायात व्यवस्था चरमरा गई।
सिपाही की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
इस पूरे घटनाक्रम के बीच तनाव और दबाव में एक सिपाही की तबीयत बिगड़ गई। उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है।
प्रशासन और बार एसोसिएशन भी मौके पर
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्राधिकारी प्रमोद साह कोतवाली पहुंचे और सभासदों से वार्ता कर मामले को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। बाद में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवत प्रसाद अपने साथियों सहित मौके पर पहुंचे और सभासदों को समर्थन देते हुए पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।
सीओ प्रमोद साह ने बताया कि सभासदों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। जल्द ही मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
नैनीताल में पुलिस और जनप्रतिनिधियों के बीच उत्पन्न हुआ यह टकराव स्थानीय प्रशासन और व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। सवाल उठ रहे हैं कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया और कोतवाली में इस तरह की स्थिति क्यों उत्पन्न हुई। सभी की निगाहें अब पुलिस प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।