खटीमा के साहित्यकार डॉ. राज सक्सेना का हुआ निधन,साहित्य जगत में शोक की लहर।
खटीमा ( उधम सिंह नगर ) उत्तराखण्ड बाल साहित्य संस्थान के CEO, प्रसिद्ध साहित्यकार,सम्पादकीय लेखक ,अपने मुक्तकों के द्वारा समाज को झझ्कोर देने वाले,गजल, कविता लेखन के सिद्धहस्त कवि, खटीमा नगर पंचायत के प्रथम अधिशासी अधिकारी एवं साहित्यकार डॉ. राज सक्सेना 80 वर्ष का लखनऊ में बुधवार को निधन हो गया।
परिजनों ने बताया कि डॉ. सक्सेना परिवार के साथ सगाई कार्यक्रम में शामिल होने लखनऊ गए थे। जहां उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।खटीमा के साहित्यकारों, सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों के लोगों ने डॉ. राज के निधन पर शोक जताया है।
गुरुवार की शाम को मुक्ति धाम में डॉ. सक्सेना का अंतिम संस्कार किया गया। चिता को मुखाग्नि उनके पुत्र अमित सक्सेना ने दी। इस दौरान अरुण सक्सेना, रमेश चन्द्र जोशी, राजीव अग्रवाल, एस सी गुप्ता, पी एन सक्सेना, रविश भटनागर, बॉबी राठौर, देवेंद्र जुनेजा,कैलाश जोशी, डॉ चंद्रशेखर जोशी,खड़क सिंह गैडा, धीरेंद्र मोहन गौड़, हरीश मेहरा,जितेन्द्र पारुथी, बॉबी धींगड़ा,तरुण ठाकुर, प्रवीण उपाध्याय, घनश्याम अग्रवाल, राहुल सक्सेना, एवं खटीमा क्षेत्र साहित्यकार, सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों के लोग मौजूद रहे।
किस शान से सर पे चढा रक्खा है, हमें हर एक अदल ने |
राज-ए-हरपल को छिपा रक्खा है, अपने मन में, कल ने |
बात इज्जत की करें , या कि करें , उम्र की अपनी यारो,
मौत को रोक सका कौन , चली आए , अभी ले चल ने |
25 जुलाई, 2018 —- अदल=जीव —–डॉ राज सक्सेना
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa